पेज व कढ़ी के लिए मक्के का संग्रहण करना….बैगा आदिवासी इसे एक माला की तरह गूंथकर घर के सीलिंग पर लटकाकर रखते हैं

पंडरिया। ब्लाक अंतर्गत खरीफ में मक्का का फसल बहुतायत मात्रा में ली जाती है।ग्रामीण क्षेत्र के अलावा वनांचल में बड़ी मात्रा में मक्के की फसल उगाई जाती है।मैदानी क्षेत्रों में मक्का का फसल लगभग समाप्त हो चुका है।वहीं वनांचल में मक्के तैयार हो चुके हैं,तथा तोड़ने का कार्य अंतिम चरण में है।इस वर्ष करीब 580 हेक्टेयर में मक्के की फसल लगाई गई थी।

ब्लाक के वनांचल ग्राम पकरी पानी,तीनगड्डा,भाकुर,नेऊर, कांदावानी,धुरसी,रुख़मीददार,कोदवा,भेलकी,छिंडीडीह,बदौरा,जामुनपानी,पंडरीपानी,मंझगांव,बदना,तेलियापानी,देवानपटपर,लिहाटोला,मंझोलीरवन,कान्हाखैरा,ठेगाटोला सहित अनेक गांवों में बैगा आदिवासी इन दिनों मक्के तोड़कर सुरक्षित रख रहे हैं।

बैगा ,आदिवासी इसे एक माला की तरह गूंथकर घर के सीलिंग पर लटकाकर रखते हैं ,जिससे ये खराब न हो।पकरी पानी के रैतुराम बैगा में बताया कि इसका उपयोग पेज के लिए किया जाता है तथा इसे कढ़ी बनाकर सब्जी के रूप के उपयोग करते हैं।यह बैगा आदिवासियों का प्रिय भोजन है।