अहिवारा। क्षेत्र में निजी स्कूल संचालकों की मनमानी दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है। परेशान पालक अब जिलाधीश से इसकी शिकायत करने लगे है। वही शिक्षा विभाग का शहर के निजी स्कूलों पर अंकुश नहीं होने के कारण पालकों को काफी परेशान होना पड़ रहा है। कई पालक कहते है की शहर के एक निजी स्कूल में यह खेल चल रहा है की उनके बताए गए दुकान पर ही किताबे , गणवेश , जूता, मोजा मिल रहा है। जबकि शहर के अन्य दुकानों में भी ये सब उपलब्ध है। सूत्रों की हवाले से यह खबर एक निजी स्कूल के द्वारा खास दुकान का नाम लेकर बताते है की एक ही जगह पर अभी पाठ्यक्रम, जूता, मोजा, गणवेश मिल जाएगा।
पिछले दिनों गांधी मेमोरियल स्कूल अहिवारा से संबंधित शिकायत लेकर एक पालक कलेक्टर जनदर्शन पहुंचा था। जहां उसने स्कूल प्रबंधन के ऊपर सावालिया निशान खड़े किए थे। आवेदक का कहना था कि स्कूल में हर वर्ष प्रत्येक कक्षा की पुस्तकों में परिर्वतन किया जाता है। इसके साथ ही साथ ये पुस्तकें स्कूल को कमीशन देने वाले संबंधित दुकानों में ही उपलब्ध रहती हैं। नर्सरी से प्राथमिक कक्षा तक की पुस्तकों के लिए 3 हजार से 4 हजार रूपए की राशि खर्च करनी पड़ती है। जिसका भुगतान कर पाना सामान्य वर्ग के परिवार के लिए संभव नहीं है। परंतु बच्चों के भविष्य निर्माण के लिए यह पालक की मजबूरी बन जाती है, कि वो ऊंची दरों पर इन पुस्तकों को खरीदे। गरीब व मध्यमवर्गीय परिवार कमीशन के इस खेल का शिकार लगातार हो रहा है। इसलिए आवेदक का कलेक्टर से निवेदन था कि स्कूल प्रबंधन द्वारा की जा रही मनमानी पर लगाम कसी जाए। कलेक्टर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला शिक्षा अधिकारी को इस संदर्भ में त्वरित कार्रवाई व कोई भी स्कूल प्रबंधन मनमानी न कर सके इसके लिए शिक्षा निति के तहत् तय गाईड लाईन के अनुसार स्कूल अपना संचालन करे, इसके लिए निर्देशित किया।