बैगा समाज के मुखिया का हुआ सम्मेलन, आय के साधन बढ़ाने पर दिया जोर

पंडरिया।बोड़ला ब्लाक के ग्राम पंचायत कुकरापानी में रविवार को 25 गांव के विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा आदिवासी समुदाय के मुखिया लोगों से आनंद बाबू अपर प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के साथ भेंटवार्ता कार्यक्रम आयोजित किया गया। राज्य में पहली बार वन विभाग द्वारा ऐतिहासिक पहल करते हुए विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा गाँव में पहुंच कर साझा नियोजन से तैयार कर विकास योजनाओं की रुपरेखा बनाई जा रही है। कार्यक्रम का आयोजन वन विभाग, आदिम जनजाति बैगा समाज एवं गाँधी ग्राम विकास समिति ग्रामोदय केंद्र के संयुक्त संयोजन से किया गया। इस अवसर पर अपर प्रबंध संचालक आनंद बाबू एवं जिले के वन मंडलाधिकारी चूड़ामणि सिंह की विशेष उपस्थिति रही। भेंटवार्ता कार्यक्रम में पहुंचे 25 गांव के बैगा समाज प्रमुखों में प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष, अध्यक्ष बैगा विकास प्राधिकरण के साथ बैगा समाज के जिला अध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्ष एवं बैगा समुदाय की उपस्थिति रही। विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा समुदाय को वनोपज आधारित आजीविका, रोजगार एवं परिवारों के आय में बढ़ोत्तरी हेतु नए विकल्पों की कार्ययोजना निर्माण एवं नियोजन करने हेतु विस्तार से चर्चा परिचर्चा गांव स्तर पर आयोजित किया गया। अपर प्रबंध संचालक के द्वारा वनोपज आधारित एवं वन आधारित आजीविका के स्रोतों हेतु महुआ संकलन एवं उसका मूल्यवर्धन, वन औषधि पौधों का रोपण एवं औषधीय निर्माण हेतु विशेषज्ञ वैद्यों की पारंपरिक ज्ञान को संरक्षित करते हुए उन्हें रोजगार के नए अवसर प्रदान करने हेतु जानकारी प्रदान की गई। भारत सरकार एवं छत्तीसगढ़ शासन के मंशानुरूप विशेष पिछड़ी जनजातियों के विकास हेतु वन धन केंद्र की स्थापना किया जाना है। जिसमें वनोपज एवं वन आधारित संकलन, संग्रहण, प्रसंस्करण, विपणन के साथ-साथ समुदाय के लोगों को आत्मनिर्भर बनाने एवं जिंदगी संवारने के लिए प्रयास किया जाएगा। इसके लिए समुदाय की सहभागिता से समुदाय के रुचि अनुसार ही कार्यक्रम एवं गतिविधियों का नियोजन किया जाएगा। इसी तर्ज पर विकास कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जाएगा। चूणामणि सिंह वन मंडलाधिकारी के द्वारा कहा गया कि महुआ, चार, आंवला, मुनगा पौधों का बृहद मात्रा में वृक्षारोपण करके आय अर्जित किया जा सकता है। उन्होंने एक ग्राम को चयनित करके खेकसी सब्जी को सभी परिवारों के बाड़ी, खेतों में लगाने के लिए प्रेरित किया। बैठक में बैगा समुदाय से चर्चा एवं सुझाव भी लिए गए। बैगा समुदाय द्वारा प्रमुख रूप से वनौषधियों पौधों का रोपण, तिलहन और दलहन के लिए मशीन एवं कोदो कुटकी के लिये भी प्रसंस्करण यन्त्रों की स्थापना, लाख पालन, महुआ प्रसंस्करण, बांस रोपण एवं कौशल विकास के साथ साथ रोजगार और आजीविका संवर्धन से जुड़े मांग किया गया । जिसे नियम अनुसार त्वरित पूर्ण करने कहा गया। भेंटवार्ता कार्यक्रम का समन्वय एवं संचालन चंद्रकांत यादव के द्वारा किया गया। बैठक में ईतवारी राम मछिया प्रदेश अध्यक्ष बैगा समाज, लमतु सिंह बगदरिया पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष बैगा समाज, गौठुराम बरंगिया प्रदेश सलाहकार, कृष्णा उफ़डीया, तुलसीराम सुरखिया जिलाध्यक्ष, मोती बैगा सरपंच प्रतिनिधि, छतर सिंह बैगा सरपंच, दुजराम बैगा उपसरपंच लूप, बिहारी रठुडीया, सेमलाल पड़िया, धरम बैगा संतोष पड़िया शिक्षक, अमन बैगा, भुरन बैगा, दलीचंद, लालजु घंघरिया सरपंच, सोनालाल देवड़िया सदस्य बैगा विकास प्राधिकरण, जितेन्द्र सिंह चौहान उप वनमंडलाधिकारी, अनिल साहू उप वनमण्डलाधिकारी, आराधना वन विभाग, शोएब खान सर्कल इंचार्ज लघु वनोपज प्रबंधन दुर्ग, स्वयंसेवी संस्था गांधी ग्राम विकास समिति ग्रामोदय केंद्र से गणेश राम धुर्वे, दीपक यादव, मानस राम पटेल, शिवभजन वर्मा, चंद्रकांत यादव के साथ वन विभाग के सभी अधिकारी, कर्मचारियों एवं ग्राम के महिला – पुरुषों की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही।