राजनांदगांव । खैरागढ़ विधानसभा सीट से स्वर्गीय देवव्रत सिंह छत्तीसगढ़ जोगी कांग्रेस से विधायक रहे उनके दिवंगत होने के पश्चात हो रहे उपचुनाव में तीनों पार्टियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। हकीकत में तो यह चुनाव प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ माना जा रहा है। कांग्रेस ने दावेदारों की लंबी फेहरिस्त और भारी कशमकश के बाद के बाद अंततः खैरागढ़ के कांग्रेस प्रत्याशी का चयन कर लिया गया है । राजनांदगांव जिले के सबसे महत्वपूर्ण खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी की ओर से खैरागढ़ की स्थानीय महिला प्रत्याशी यशोदा वर्मा की उम्मीदवारी घोषित हो गई है। नई दिल्ली स्थित कांग्रेस पार्टी मुख्यालय से जारी किया गया प्रेस नोट से प्रत्याशी चयन को लेकर अटकलों पर विराम लग गया है। खैरागढ़ ब्लाक कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष यशोदा वर्मा लंबे समय से कांग्रेस की सियासत में सक्रिय रही हैं। यशोदा वर्मा ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष बनने से पहले जिला पंचायत की सदस्य रह चुकी हैं। उनके पति नीलांबर वर्मा जनपद के सदस्य रहे हैं। दोनो पार्टी में लगातार सक्रिय रहे हैं। पार्टी की यशोदा वर्मा के टिकट मिलने के पश्चात अब कांग्रेस के सामने टिकट की लाइन में लगे धुरंधर दावेदारों को मनाना जीत के लिहाज से बेहद जरूरी दिखाई दे रहा है क्योंकि राजनीतिक के क्षेत्र के जानकार यह बताते हैं कि कांग्रेस पार्टी को विपक्ष से कम और अपनों से ज्यादा खतरा ज्यादातर बना रहता है। ऐसे में भीतर घात से खैरागढ़ चुनाव को बचाए रखना कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी।
