बच्चों के सृजनात्मक कौशल को बढ़ावा देने बटरेल स्कूल में लगातार हो रहे नवाचार,बच्चों ने कागज से बनाये आकाशदीप और झूमर

पाटन।राष्ट्रीय पाठ्यचर्या व नयी शिक्षा नीति के मानदंडों के अनुरूप कक्षाओं में विषय शिक्षण के साथ बच्चों के सृजनात्मक कौशलों को बढावा देने का प्रयास शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला बटरेल, पाटन में किया जा रहा है। प्रधान पाठक राम कुमार वर्मा के संयोजन में शिक्षिका मालती तिवारी, शारदा शर्मा, भारतीय ठाकुर, शिक्षक हेम लाल साहू के सहयोग से बच्चों रंगीन कागजों का वितरण कर मनचाहे आकृतियों के झुम्मर और आकाशदीप बनाने कि प्रेरणा बच्चों को दी गई। इसके प्रायोगिक अभ्यास कक्षाओं में कराया गया। बच्चों ने आवश्यक सामग्रियां मिलने पर अपनी सृजन क्षमताओं को बेहतर प्रदर्शन करते हुए ज्यामीतीय अवधारणाओं को पूर्ण करने वाले बेलनाकार, वर्गाकार,शंकु आकार के आकर्षक द्वार सज्जा के लिए लटकनी,झुमर व आकाशदीप का निर्माण किया। प्रधान पाठक राम कुमार वर्मा ने दशहरा से कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि तक घर के सबसे ऊपरी भाग या आंगन में बांस गड़ा कर दीया या विद्युत बल्ब वाला आकाशदीप लगाने की प्रेरणा दी। यह भी बताया गया कि इससे हमारे स्वर्गवासी पुरखों को संदेश दिया जाता है कि हम धरती लोक पर सकुशल और‌ खुशहाल हैं। अपने बचपन के अनुभवों को बच्चों के मध्य रखते हुए बताया कि पहले बांस की तिलियों से चतुष्कोणीय आकाशदीप बनाकर मिट्टी के दीपक रखकर आंगन में गड़ाए गए बांस के ऊपरी हिस्से तक घिरनी के ऊपर चढ़ाते थे।

यह भारतीय सांस्कृतिक विरासत में तीज-त्यौहार के अवसरों पर अपने स्वर्गवासी पुरखों को स्मरण करने और‌ अपनी खुशहाली का संदेश भेजने का अनोखा और कलात्मक तरीका है। इसे वर्तमान के बढ़ते सूचना-संचार सहित प्रौद्योगिकी विकास के समय नवीन तकनीकी साधनों का बेहतर समायोजन करते हुए पल्लवित करने के लिए भावी पीढ़ियों को प्रेरित करने की आवश्यकता है। शाला में निरंतर सृजनात्मक कार्यों को बढ़ावा देने के लिए विकास खंड शिक्षा अधिकारी ‌ टी.आर. जगदल्ले, संकुल समन्वयक टिकेश्वर गजपाल, प्राचार्य टी.के.पिपरिया ने प्रसन्नता व्यक्त की है।