इस संस्कृति और संस्कार मानव जीवन के अस्तित्व की कुंजी है। संस्कृति देश समाज और संसार संस्कार परिवार में व्यक्ति का परिचय देते हैं संसार में मानव जन्म लेना अलग बात है और मानव होना अलग बात है। मानव रूप में होने के लिए परंपरागत मानवीय मूल्यों का होना जरूरी है और यह जीवन मूल्य हमें अपनी संस्कृति सभ्यता और संस्कारों से प्राप्त होते हैं।हम सबको एक साथ मिलकर भाई चारे के साथ रहेना है। इस मौके पर उपसरपंच राधेश्याम गायकवाड , विजय साहू ,,बी एन भारद्वाज मालिक राम साहू , पंच भूषण देशमुख, अनुराग, फानिश , सचिन , जलेंद्र , लक्ष्मण, एवम् समस्त लक्ष्मी समिति सदस्य गण सहित ग्रामीण जन बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।
