साइबर अलर्ट
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रायपुर । त्योहार पर लोग जमकर शापिंग करते हैं। ई-कामर्स वेबसाइटों पर दिवाली की सेल शुरू हो चुकी है। साइबर अपराधी आनलाइन, शापिंग पर बढ़ती लोगों की रुचि का खूब फायदा उठा रहे हैं। उनके निशाने पर बड़ी-बड़ी नामी ई-कामर्स कंपनियां भी हैं। साइबर अपराधी इन एप या वेबसाइट का क्लोन बनाकर लोगों को ठग रहे हैं। ऐसे में आनलाइन खरीदी करने वालों को सावधान रहने की जरूरत है।
पुलिस ने त्योहारी सीजन को देखते हुए लोगों को अलर्ट रहने को कहा है। ठग की वेबसाइट, ओरिजनल वेबसाइट जैसी ही लगेगी। यहां आपको उत्पादों पर भारी: आफर और डिस्काउंट देकर फंसाया जाएगा। जब आप इन वेबसाइटों या एप पर पेमेंट कर देंगे तो उसके कुछ देर बाद ये लिंक गायब हो जाएंगे।

ऐसे चलता है ठगों का नेटवर्क साइबर अपराधी प्ले स्टोर पर ऐसी फर्जी एप को लांच कर देते हैं जो काफी आसान होता है। प्ले स्टोर पर कई फर्जी एप मिल जाएंगे, इन एप को ब्रांडेड ई-कामर्स वेबसाइटों या एप के फर्जी क्लोन के तौर पर बनाया जाता है। उसके बाद शातिर अपराधी अपनी फर्जी वेबसाइटों पर आपको सामान पर 60 से 80- प्रतिशत तक का डिस्काउंट आफर देते हैं। सस्ते के झांसे में लोग फंस जाते हैं। पसंदीदा सामान को कम कीमत में मिलता देखकर तुरंत पेमेंट कर देते हैं।

ऐसे बच सकते हैं आनलाइन फर्जी साइट्स से..
किसी कंपनी की वेबसाइट के बारे में इंटरनेट से पता लगा सकते हैं कि वह कंपनी सही है या नहीं।
- किसी भी कंपनी के पेज पर नीचे जाकर कापीराइट वाला विकल्प जरूर देख लें। अगर कंपनी सही होगी तो यहां आपको वैट आइडी भी दिखेगी।
- अगर वेबसाइट के आगे https नहीं लगा है, तो ये वेबसाइट सुरक्षित नहीं है। इससे बचना चाहिए
- एसएसएल (सुरक्षित साकेट लेयर) सर्टिफिकेट होने पर है वेबसाइट के यूआरएल (यूनिफार्म रिसोर्स लोकेटर) के सामने हमेशा लाक का निशान दिखता है। इसे जांच लें।
- वेबसाइट के होम पेज पर जाकर कांटेक्ट पर क्लिक करें। अगर यहां आपको एड्रेस जैसी जानकारी न मिले तो ऐसी साइटों से शापिंग न करें।
साभार नईदुनिया
