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ओडिशा में दाना तूफान को लेकर 24 से 25 अक्टूबर तक हर ओर सतर्कता बढ़ी हुई है। ओडिशा और बंगाल में तूफान से बचाव की व्यापक तैयारियां की गई हैं। ओडिशा में एनडीआरएफ की 288 टीमें तैनात की गई हैं। तूफान की भयावहता का अंदाजा लगाते हुए 14 जिलों से 10 लाख लोगों को सुरक्षित शिविरों तक पहुंचाया जा रहा है।

इस तूफान का असर उड़ीसा से लेकर बंगाल बिहार और झारखंड तक दिख सकता है।मौसम विभाग ने तूफान दाना के 24 अक्टूबर की सुबह तक बंगाल की खाड़ी में गंभीर चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका जताई है। ये 24 अक्टूबर की रात से 25 अक्टूबर की सुबह तक कभी भी ओडिशा के पुरी जिले और पश्चिम बंगाल के सागर नाम के टापू (दक्षिण 24 परगना जिले में) के बीच टकरा सकता है। इस दौरान हवा की रफ्तार 120 KMPH तक हो सकती है।

तूफान से निपटने के लिए ओडिशा ने नेशनल डिजास्टर रिलीफ फोर्स (NDRF), ओडिशा डिजास्टर रिलीफ फोर्स (ODRF) और फायर ब्रिगेड की 288 टीमें तैनात की हैं। तूफान के गंभीर असर की आशंका वाले 14 जिलों के सभी स्कूल-कॉलेज की 25 तक छुट्टी की गई है। इन जिलों के 10 लाख लोगों को शिफ्ट किया जा रहा है। सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द की गई हैं।
चक्रवात ‘दाना’ को उसका नाम कैसे मिला?
चक्रवात ‘दाना’ हाल ही में बंगाल की खाड़ी में बनने वाला चक्रवात है, और इसका नाम कतर ने प्रस्तावित किया था. ‘दाना’ का अरबी में मतलब है “उदारता”. WMO द्वारा निर्धारित जो गाइडलाइन है उसके अनुसार, उत्तरी हिंद महासागर के चक्रवातों के नामकरण की प्रक्रिया में शामिल 13 देशों ने पहले से जो नाम जमा किए थे, उनके हिसाब से इसे चुना गया है.

तूफानों को नाम क्यों दिया जाता है?
तूफानों के नामकरण से कई फायदे होते हैं. जब कई चक्रवात या तूफान एक ही समय में आते हैं, तो सबको अलग-अलग नाम देकर समझने में आसानी हो सकती है. उदाहरण के लिए, मौसम विज्ञानी, मीडिया आउटलेट और जनता आसानी से चक्रवात ‘दाना’ और किसी दूसरे तूफान के बीच फर्क कर सकते हैं. इसके अलावा, अगर किसी चक्रवात का नाम हो तो तूफान को आसानी से याद रखा जा सकता है.
