Cyclone Dana
चक्रवात दाना का असर दिखना शुरू हो गया है। ओडिशा और बंगाल से आई तस्वीरों में देखा जा सकता है कि तेज हवाओं के साथ समुद्र में ऊंची लहरें उठ रही हैं। ओडिशा और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों ने बैठक कर एहतियाती उपायों की समीक्षा की। मौसम विभाग के मुताबिक चक्रवात के लैंडफॉल की प्रक्रिया आज भी जारी रहेगी। तीन राज्यों में इसका असर दिख रहा है। ओडिशा और बंगाल में 12.5 लाख से अधिक लोग सुरक्षित स्थान पर पहुंचाए गए हैं।


ओडिशा तट पर बृहस्पतिवार देर रात को पहुंचे चक्रवात की जद में कुल सात राज्य हैं। इनमें से तीन राज्यों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। बंगाल के शमशेरगंज और फरक्का में आंधी-तूफान की चपेट में आकर तीन नावें पलट गईं और 16 मछुआरे लापता हो गए। भुवनेश्वर व कोलकाता हवाईअड्डों से करीब 300 उड़ानें रद्द कर दी गईं। रेलवे ने कुल 552 ट्रेनें रद्द की हैं।

चक्रवात के मद्देनजर अधिकारियों ने श्रद्धालुओं को पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर न जाने की सलाह दी है। 12वीं सदी के पुरी मंदिर पर आपदा का असर न्यूनतम करने की कोशिशें की जा रही हैं। परिसर से अस्थायी टेंट हटा दिए हैं। एस्बेस्टस की छतों पर रेत की बोरियां रखी गई हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने कोणार्क में 13वीं सदी के सूर्य मंदिर को दो दिन के लिए बंद कर दिया है। पर्यटकों को समुद्र तटों पर जाने से रोक दिया गया है।

ओडिशा में तेज बारिश और हवाओं के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले 24 घंटों में ओडिशा के कई क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बाढ़ आने का खतरा है। जिन जिलों में अचानक बाढ़ आने की आशंका है, उनमें अंगुल, बालासोर, बौध, भद्रक, कटक, ढेंकनाल, गजपति, गंजम, जगतसिंहपुर, जाजपुर, कंधमाल, क्योंझर, खुर्दा, मयूरभंज, नयागढ़ और पुरी शामिल हैं।
साभार अमर उजाला
