आत्मानंद विद्यालय के बच्चे की नदी में डूबने से मौत, विद्यालय प्रबंधन की लापरवाही या बच्चों की मनमानी ,उठ रहे सवाल, डीईओ ने दिए जांच के आदेश

फरसगांव आत्मानंद विद्यालय फरसगांव में अध्यनरत एक बच्चे की गुरुवार को नदी में डूबने से मौत हुई, बताया जा रहा विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे गुरुवार को घूमने के लिए नदी की ओर गए थे, उसी दौरान यह दुर्घटना घटी। विद्यालय के प्राचार्य ने गुरुवार को बच्चों के स्कूल नही आने की बात कही है वही सूत्रों ने यह भी दावा किया की तीनों बच्चे विद्यालय गए थे जो लघु अवकाश के बाद नदी की ओर गए, फिलहाल घटना के दिन तीनो बच्चे स्कूल गए थे या नहीं जांच का विषय है,

मिली जानकारी के मुताबिक फरसगांव निवासी रोशन नाग,अक्षत पटेल और आदित्य साहू तीनो फरसगांव हाई स्कूल में कक्षा 11 वी के छात्र है ,बताया जा रहा तीनों बच्चे स्कूटी में भंवरडिह नदी की ओर घूमने गए, उन्हें घूमर के पास नदी की गहराई व तेज बहाव का आकलन नहीं था और तीनों नहाने उतरे उसी दौरान अचानक आदित्य साहू नदी में बहते हुए गहरे पानी में डूबने लगा,दोस्तों ने बचाव का प्रयास किया लेकिन बचाने में कामयाब नहीं हुए, फोन के माध्यम से उन्होंने घटना की जानकारी परिजनों को दी,परिजनों ने फरसगांव पुलिस को घटना की सूचना दी । पुलिस व परिजन नदी में घटनास्थल पर पहुंचे, और पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से पत्थरों के बीच फंसे आदित्य साहू को नदी से बाहर निकाला ,फरसगांव पुलिस सभी एंगलों से घटना की जांच मे जुटी है वहीं घटना की खबर लगते ही नदी में ग्रामीणों की भीड़ जुटने लगी।

आत्मानंद विद्यालय हिंदी मीडियम फरतगांव के प्राचार्य शांति प्रकाश कुजूर ने बताया विद्यालय के छात्र आदित्य साहू कक्षा ग्यारहवीं ,कृषि संकाय की पानी में डूबने से मौत की जानकारी मुझे दिन को मिली, आदित्य ,रोशन व अक्षय आज विद्यालय नहीं आए थे, प्रार्थना के बाद जब मैं 11वीं कृषि संकाय मैं उपस्थित देखने पहुंचा तो कुल 34 में आज 07 छात्र अनुपस्थित थे,

मधुलिका तिवारी जिला शिक्षा अधिकारी,

  • घटना की जानकारी मिलने के बाद मैने प्राचार्य से जांच प्रतिवेदन मंगाया है ,उसके आधार पर आगे की कार्यवाही होगी। प्राचार्य कह रहे बच्चे विद्यालय आए ही नहीं थे तो सुरक्षा का सवाल ही नहीं उठता।

इससे पहले भी जिले के आत्मानंद विद्यालय में पढ़ने वाले चार स्कूली बच्चों की पानी में डूबने से मौत की घटना घट चुकी है , फिर भी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन गंभीर नहीं, जिसके कारण इस तरह की घटनाएं सामने आ रही।