सामाजिक कार्यकर्ता नीलमणि भारद्वाज का निधन,अंचल में शोक की लहर,अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल होकर श्रद्धांजलि दी

जामगांव आर।पाटन क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता,गायत्री ट्रस्ट आमालोरी के प्रमुख प्रबन्ध ट्रस्टी एवं पूर्व जनपद अध्यक्ष दाऊ नीलमणि भारद्वाज का गुढ़ियारी स्थित आवास पर निधन हो गया,वे 85 वर्ष के थे और पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे,उनके निधन की सूचना मिलते ही क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई,गुरुवार को गुढ़ियारी से आमालोरी तक उनकी अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए,गायत्री शक्तिपीठ आमालोरी कैम्पस में उनके ज्येष्ठ पुत्र चंद्रकांत ने मुखाग्नि दी ! स्व.भारद्वाज एक सच्चे समाजसेवी थे अंचल में गायत्री परिवार के जरिये सनातन धर्म के विस्तार के लिये उन्होंने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया,क्षेत्र के हजारों लोगों को विचार क्रांति अभियान से जोड़कर संस्कार परम्परा को गति देने में उन्होंने महती भूमिका निभाई। गौरतलब है कि उन्होंने जनता पार्टी की टिकट पर 1977 में पाटन क्षेत्र से विधायक का चुनाव लड़ा था जिसमें उन्हें करारी वोटों से हार का सामना करना पड़ा फिर 1978 में पाटन जनपद के अध्यक्ष निर्वाचित हुए,लेकिन 1979 में पं श्रीराम शर्मा आचार्य के संपर्क में आने से राजनीति को अलविदा कर गायत्री मिशन से जुड़ गए और 1980 में आमालोरी में गायत्री शक्तिपीठ की स्थापना कर मिशन कार्यो को गति देने में जुटकर गांव गांव में यज्ञ परम्परा को पुनर्जीवित किया और जन जन से सहयोग जुटाकर शक्तिपीठ को भौतिक और आध्यात्मिक दृष्टि से समृद्ध करते हुए इसे जीवंत देवालय और साधना का केंद्र बनाया,उन्होंने जीवन पर्यंत क्षेत्र में सामाजिक सदभाव बनाकर रखने में अहम भूमिका निभाई है,उनके निधन की खबर पर समाज के सभी तबके के लोग भारी संख्या में उनके आवास पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी,मुख्यमंत्री बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल भी शोक कार्यक्रम में पहुंचे और और शोकसंतप्त परिवार को सांत्वना दी,सांसद विजय बघेल ने अपने शौक संदेश में कहा कि दाऊजी के सामाजिक और रचनात्मक योगदान को कभी भुलाया नही जा सकता उनका जाना हम सबके के किया अपूरणीय क्षति है ! गायत्री मन्दिर में आयोजित शोकसभा में गायत्री परिवार के प्रदेश संरक्षक केके विनोद ने कहा कि वे सहज कर्मयोगी थे अंचल में गायत्री मिशन के विस्तार में उनका योगदान वंदनीय है , कांग्रेस नेता कौशल चंद्राकर ने कहा कि वे राजनीति के धूमकेतु और मानवता के सच्चे सेवक थे,समाजसेवी शैलेष मिश्रा ने कहा कि उन्होंने क्षेत्र के हजारों लोगों को धर्म कार्य से जोड़ा,भाजपा नेता लालेश्वर साहू ने कहा कि वे बहुतों के प्रेरणाश्रोत थे, चंद्राकर समाज के खिलावन चंद्राकर ने कहा कि वे चंद्राकर समाज के गौरव थे उन्हें कभी कोई लालसा नही रही ! आरएसएस के प्रान्त संपर्क प्रमुख रूपनारायण सिन्हा ने कहा उनका व्यक्तित्व पारसमणि के समान था,उनका विचार और चिंतन अमर रहेगा,श्रद्धांजलि कार्यक्रम का संचालन अशोक सिंह ने किया ! इस दौरान अरुण चंद्राकर,मनीष चंद्राकर,संजय चंद्राकर,सरपंच भोजेन्द्र चंद्राकर,सियाराम चंद्राकर,कौशल आडील,जगन्नाथ देवांगन,महेंद्र बंछोर,दानेश्वर वर्मा,आसकरण जैन,डॉ हुबराम चंद्राकर,गयाराम साहू,युवराज चंद्राकर,बीआर साहू,मनोज चंद्राकर,जोगीराम साहू,अरविंद चंद्राकर,प्राणेश विश्वास,अणि चंद्राकर,घनश्याम पटेल,खेमलाल साहू,ठाकुरराम चंद्राकर घनश्याम चंद्राकर,गोवर्धन यादव,गिरवर यदु,निर्मल चंद्राकर,मनोज बंछोर,मदन चंद्राकर,पोसुराम निर्मलकर,डॉ रविन्द्र यदु,पोषण वर्मा,शारदा चंद्राकर,राजेन्द्र चंद्राकर ,किशोर साहू,ऋषि चंद्राकर, दिलीप चंद्राकर, जयप्रकाश चंद्राकर, द्रोण चंद्राकर, चेतन चंद्राकर, गरिमा भारदीय,शीतल चंद्राकर, राजकुमार चंद्राकर,मदन यादव,बुद्धेवर परासर ओमप्रकाश चंद्राकर,जगमोहन वर्मा,हीरा सिंह चंद्राकर,दीनबन्धु आसनी,पवन यादव,मोहन साहू,यादव राम साहू,भुवन कौशिक, रघुलाल साहू ,सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे !