उपपंजीयक के खिलाफ फैसला रजिस्ट्री अफसर काम बंद करेंगे… बिलासपुर संभाग आयुक्त द्वारा किए कार्रवाई से है आक्रोश


रायपुर


बिलासपुर संभाग के संभाग आयुक्त महादेव कांवरे ने सक्ती के तत्कालीन उप पंजीयक और बिलासपुर के वर्तमान उपपंजीयक प्रतीक खेमका को निलंबित कर दिया है। उनके इस फैसले के खिलाफ राजधानी समेत राज्यभर के रजिस्ट्री अफसरों ने मोर्चा खोल दिया है। उनका कहना है कि राज्य सरकार के आदेश के नियमों के खिलाफ यह फैसला दिया गया है।

छत्तीसगढ़ पंजीयन एवं मुद्रांक संघ का आरोप है कि प्रतीक की गलती केवल इतनी है कि उन्होंने कलेक्टर का आदेश का पालन करते हुए रजिस्ट्री की। एक आदिवासी ने अपनी डायवर्टेड जमीन की रजिस्ट्री के अनुमति के लिए कलेक्टर के पास आवेदन लगाया गया था। कलेक्टर ने यह लिखकर आवेदन खारिज किया कि डायवर्टेड जमीन के मामले में अनुमति की जरूरत नहीं होती है। उपपंजीयक ने कलेक्टर के आदेश के आधार पर ही रजिस्ट्री की है।

इसके बावजूद संभाग कमिश्नर ने उपपंजीयक को सस्पेंड कर दिया। बिलासपुर ही नहीं राज्यभर में डायवर्टेड जमीन की रजिस्ट्री कलेक्टर की अनुमति के बिना की जा सकती है। ऐसा करने के लिए कलेक्टर ही आदेश पारित करते हैं। छत्तीसगढ़ पंजीयन मुद्रांक संघ के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र कुमार श्रीवास ने चेतावनी दी है कि सोमवार को इस आदेश को वापस नहीं लिया गया तो राज्यभर में कामकाज ठप करने के लिए रणनीति तैयार की जाएगी।