पाटन।शासकीय स्कूल बटरेल में बच्चों को छत्तीसगढ़ी संस्कृति पर आधारित लोक पर्व देवारी को पूर्ण उत्साह और श्रद्धा से मनाने के लिए विशेष रूप से प्रोत्साहित किया गया। वहीं राष्ट्रीय स्तर से की गयी अपील के अनुरूप स्थानीय शिल्पकारों को प्रोत्साहित करने की दृष्टि से कुम्हारों द्वारा निर्मित मिट्टी के दीए, ग्वालिन दीया, पोरा, चुकिया, नांदी,करसा, गुल्लक आदि अपने-अपने घरों के लिए क्रय करने के लिए बच्चों को प्रोत्साहित किया गया। इस अवसर पर प्राचार्य जागृति उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बटरेल टी. के. पिपरिया व शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला बटरेल के प्रधान पाठक राम कुमार वर्मा ने संयुक्त रूप से ग्वालिन दीया में दीप प्रज्वलित कर दीपोत्सव का आयोजन प्रारंभ किया । इस मौके पर कमलनारायण साहू, छात्रा दीक्षा छपहा व झमिता साहू द्वारा निर्मित हस्कलाओं की प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। बच्चों को प्रेरित करते हुए व्याख्याता गौकरण साहू ने बच्चों को स्थानीय पर्व को उत्साह के साथ मनाने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि देवारी छत्तीसगढ़ का विशेष और सबसे बड़ा पर्व है। इसमें बाहर कमाने-खाने गए परिवार के लोग भी अपनी जन्म भूमि पर आकर देवारी का त्यौहार मनाते हैं। यह हमारे जीवन में उत्साह और मेहनत के प्रतिफल को प्राप्त कर उत्साह प्रदर्शित करने का पर्व है। इसमें स्थानीय शिल्पकारों द्वारा बनाई गई सामग्रियों को खरीद कर उनकी परोक्ष रूप से आर्थिक मदद करने का भी उद्देश्य शामिल है । इसे हर परिवार को प्रोत्साहित करना आवश्यक है। इसी तरह दीपावली के दिन जहां चारों ओर छोटे-छोटे दीपों को जलाकर सभी कोनों को उजाला किया जाता है। वैसे ही शिक्षकों और विद्यार्थियों को अपनी शाला में दीप प्रज्वलित कर शिक्षा का प्रकाश चारों ओर अलोकित करने की प्रेरणा दी गई। इस मौके पर शाला की शिक्षिका मालती तिवारी, शारदा शर्मा, भारतीय ठाकुर, हेमलाल साहू सहित जागृति उत्तर माध्यमिक विद्यालय बटरेल के शिक्षक प्रीतम लाल ध्रुव, जयश्री चंद्राकर,पुपेश कुमार साहू,हेमलता कतलम,तीरथ राम धनकर, योगिता देवांगन, बिश्वेर कुमार उपस्थित रहे।

- November 7, 2023