बर्खास्त बीएड शिक्षकों को अन्य पदों पर समायोजित करने की मांग।


पंडरिया-उच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार लगभग 3000 शिक्षकों को छ.ग. शासन द्वारा सेवा से पृथक किया गया है। इन शिक्षकों द्वारा विगत कई माह से अलग-अलग तरीकों  आग के अंगारे पर चलना, देवी दुर्गा के रूप धारण कर अपनी सेवा में बहाली हेतु राज्य शासन का ध्यान आकृष्ट कर रहे हैं। राज्य शासन यदि इन पीड़ित शिक्षकों पर विचार करें तो शिक्षकों का समायोजन संभव है। सहायक शिक्षक के समकक्ष पदों पर समायोजन संभव है। दरअसल आदिम जाति कल्याण विभाग में द श्रेणी के छात्रावास अधीक्षक के पद वर्षों से रिक्त है।  साथ ही प्रयोगशाला सहायक के पद भी रिक्त है।जिन्हें शिक्षा विभाग के शिक्षक वर्षों से शिक्षकीय कार्य से मुक्त होकर अतिरिक्त प्रभार लेकर कार्य कर रहे हैं।आदिम जाति विभाग के छात्रावास को अधीक्षक मिल जाएगा वहीं इन योग्यता धारी बीएड धारित युवकों को रोजगार भी मिल जाएगा।तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ व शालेय शिक्षक संघ के ब्लाक अध्यक्ष मोहन राजपूत ने छात्रावास अधीक्षक ‘श्रेणी द’ में इनका समायोजन करने की मांग की है तथा कहा कि इन पीड़ित शिक्षकों की मांग भी पूरी हो जायेगी और शिक्षा विभाग को 4000 से ज्यादा शिक्षक आसानी से मिल जायेगा। इस तरह से पीड़ित बर्खास्त शिक्षकों एवं परिवार एवं परिवारों को न्याय मिल पायेगा।
राज्य शासन पीडित शिक्षकों की पीडा एवं व्यथा को देखते हुए अविलंब छात्रावास अधीक्षक के पद पर समायोजन करने की कार्यवाही करें।