शामिलात चारागाह की भूमि मूल किसान को वापस दिलाने की मांग, एसडीएम को सौपा ज्ञापन


पाटन। ग्राम सेलुद के किसान महेश्वर बंछोर, सुरेंद्र बंछोर ने आज एसडीएम पाटन को ज्ञापन सौपा। ज्ञापन में बताया गया हैं की  ग्राम पंचायत सेलूद के लगभग सैकड़ो किसानो के द्वारा अपने निजी भूमि जो कि लगभग एक सौ अस्सी एकड़ को प्रशासन के आदेशानुसार शामिलात चारागाह हेतु वर्षों पूर्व  दान किए है। जो कि भारतीय कानून व्यवस्था के तहत उस जमीन को जानवरो के चारा (भोजन) के लिए आरक्षित किया गया था।

उपरोक्त शामिलात चारागाह की जमीन पर अनेक लोगो के द्वारा अवैध रूप से आवास एवं दुकान बनाकर कब्जा कर लिया गया है। जिसे रोकने के लिए कई बार प्रशानिक रूप से प्रयास किया जा चुका है। किन्तु अवैध कब्जा रुकने के बजाय दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहा है। जिस प्रकार से शामिलात चारागाह की भूमि पर अवैध कब्जाधारियों का हौसला बुलंद होते जा रहा है उससे अनुमान लगाया जा सकता है कि एक समय के बाद पूरा एक सौ अस्सी एकड़ भूमि पर अवैध कब्जाधारियों का कब्जा हो जाएगा और जिस उद्देश्य के लिए प्रशासन ने किसानो से जमीन लिए थे वह उद्देश्य निरर्थक हो जाएगा। चूंकि उक्त शामिलात चारागाह भूमि में उनके पूर्वजो के द्वारा भी चारागाह के लिए भूमि प्रदान किए है। इसलिए उन्हें भी उनके पूर्वजो की भूमि वापस किया जाय । जानकारी के अनुसार शामिलात चारागाह की भूमि का सर्वाधिकार जिलाधीश के पास होता है किन्तु माननीय जिलाधीश के द्वारा भी अभी तक अवैध कब्जाधारियों से शामिलात चारागाह की भूमि को मुक्त नहीं करा पाई है। अवैध कब्जाधारियों को राजनीतिक संरक्षण भी प्राप्त होते रहता है, इसलिए हौसले बुलंद है। जो भी स्तर के जनप्रतिनिधि राजनीतिक रूप से संरक्षणकर्ता पाये जाने की स्थिति में उन पर भी भारतीय दंड सहिता के अनुसार कड़ी कार्यवाही किया जाय ।