बलराम यादव/9893363894
पाटन। तांदूला जल संसाधन विभाग दुर्ग द्वारा ग्रामीणों को निस्तारि के लिए पानी देने तथा खेतो की सिंचाई करने के लिए नहर बनाया गया है। लेकिन इस नहर में बड़े बड़े ओवर लोड हाइवा के चलने के कारण अब नहर जीर्ण शीर्ण होती जा रही है। वही शासन द्वारा करोड़ों रुपए खर्च कर नहर का लाइनिंग किया गया है। जो की हाइवा चलने के कारण खराब हो रही है। नगर के लाइनिंग में बड़ी बड़ी दरारें देखी जा सकती है। इसके अलावा पुल पर भारी वाहन चलने से टूटने का कगार में है। पत्थर खदानों से निकलने वाले बड़ी बड़ी हाइवा नहर को खराब कर रही है।
*सिंचाई विभाग बोर्ड लगाकर पल्ला झाड़ लिया
सिंचाई विभाग दुर्ग के द्वारा नहर लाइनिंग होने के बाद भी बड़े-बड़े हाईवा जब इसमें चलना बंद नहीं हुआ तो विभाग के द्वारा ब्रिटिश कालीन पुल जो बने हैं उसके सामने ही ग्राम छाटा एवं अचानकपुर के मध्य एक बोर्ड लगाया गया है । जिसमें कि भारी वाहन का पुल से गुजरना प्रतिबंध किया गया है। लेकिन इसके बाद भी धड़ल्ले से जर्जर पुल से भारी वाहन गुजर रहे हैं। सिंचाई विभाग भी बोर्ड लगाकर अपना पल्ला झाड़ लिया है। सिंचाई विभाग निरीक्षण नहीं करते इस कारण बड़े बड़े वाहन यहां से गुजर रहे हैं जिससे कि नहर छतिग्रस्त हो रहे हैं।
*नहर में लगे पोंगा धंस रहा,
तांदुला माइनर ग्राम सेलुद से निकली है जो छाटा पेंड्री होते हुए तरह और आगे जाती है । इस नहर को टर्रा उपमाइनर के नाम से भी जाना जाता है । ग्राम छाटा के खदान क्षेत्र में जो पुल है वह ब्रिटिश कालीन पुल है। इस कारण से अभी तक वह इतने बड़े-बड़े वहां चलने के बाद भी टिका हुआ है। लेकिन पुल के दोनों तरफ सुरक्षा के लिए बनाए गए ऊंचाई की पार टूट गई है पूल धीरे-धीरे धंसले लगी है। यह पुल में तेज रफ्तार से पानी आती है। आमजन भी इसी पुल से आना-जाना करते हैं। दोनों तरफ पुल के काफी खतरनाक हो गए हैं ।
*सड़क है पर नही करते उपयोग
गोड पेंड्री , छाटा के खदानों से निकलने वाले हाईवे के लिए सड़क का निर्माण भी किया जा चुका है। ग्राम फूडा तक पहुंचने के लिए चौड़ी सड़क बन गई है लेकिन सिर्फ दूरी एवं पेट्रोल बचाने के लिए इस तरह से प्रतिबंधित नहर में बड़े-बड़े हाईवा चलाया जा रहा है। इससे नहर तो खराब हो ही रही है साथ ही साथ हमेशा दुर्घटना की भी आशंका बनी हुई है।
*पुल कभी भी टूट सकता है
ग्राम छाटा के अचानक पुर रोड पर बना पुल काफी जर्जर हो चुका है। ऐसे ही अगर बड़े-बड़े हाईवा स्कूल से गुजरती रही तो वह दिन दूर नहीं जब या फूल कभी धंस सकती है। इस पुल में आना जाना लगा रहता है। खेती के लिए किसान इस पुल का उपयोग आवागमन के लिए करते हैं। अगर पुल टूट जाएगी तो सैकड़ों किसानों को काफी तकलीफों का सामना करना पड़ेगा।
*एक दर्जन से अधिक गांव को नही मिलेगा पानी
सेलूद वितरक शाखा के निकलने वाले टर्रा माइनर में किसानों का जीवनदायिनी नहर कहा जाता है। इस नहर के माध्यम से किसानों को खेतों के लिए पानी दिया जाता है वही गर्मी के दिनों में जब गांव गांव में तालाब सूखने लगते हैं तो निस्तारित संकट दूर इसी नहर के माध्यम से आने वाले पानी से होती है गांव के तालाबों को इसी नहर के पानी से लबालब भरा जाता है ।लेकिन किसानों को सुविधा को देखते हुए नहर के बीच बीच में पोंगा लगाया गया है ।ओवरलोड वाहन चलने से वह विकास रहा है जिससे कि पानी देने में दिक्कत हो जाएगी।।
* गाड़ी निकालने स्टापर को तोड़ दिया
करीब 1 साल पहले नहर पार में हाइवा चलने से रोक लगाने के लिए सिंचाई विभाग के द्वारा नहर के दोनों छोर पर सड़क किनारे नहर । स्टॉपपर लगाया गया था जिससे कि चार पहिया वाहन नहर में न चल सके।। लेकिन बताया जाता है कि हाईवा चलाने वाले ड्राइवरों के द्वारा नहर पर लगे स्टॉपर को भी तोड़ दिया गया है।