पाटन अंचल में हर्षोल्लास से मनाई देव उठनी एकादशी, भगवान सालिग्राम और तुलसी विवाह विधिविधान से सम्पन्न, आतिशबाजी भी की गई


पाटन। अंचल में प्रबोधनी एकादशी, देवउठनी का पर्व अर्थात तुलसी विवाह आज धूमधाम के साथ मनाया गया। इसके लिए गांव-गांव में विशेष तैयारी पूरी हो गई थी। छोटी दिवाली मनाते हुए आतिशबाजी भी किया गया। तहसील मुख्यालय पाटन समेत ब्लॉक के सभी गांवों में देवउठनी पर्व को लेकर ग्रामवासी तैयारी किए थे। लोग इस पर्व को देवउठनी एकादशी, तुलसी विवाह अर्थात छोटी दीपावली के नाम से जानते हैं। तुलसी चौरा के सामने गन्ने का मंडप सजाकर भगवान विष्णु और तुलसी का विवाह रचाने की परंपरा भी निभाई गई।

पंडित कृष्ण कुमार तिवारी ने बताया की इस दिन भगवान विष्णु चार महीने बाद आज निद्रा से जागते हैं। इसी दिन से शुभ कार्य की शुरुआत होती है। इस दिन विधिविधान से तुलसी चौरा को गन्ने के मंडप से सजाकर भगवान विष्णु और माता तुलसी का विवाह किया जाता है। लोग इस पर्व पर पूड़ी, फल, मिठाई का प्रसाद के रूप में वितरण करते हैं। इसके अलावा यादव समाज के लोग रातभर गौ माता को सोहई बांधते हैं। उन्होंने बताया की सनातन धर्म में एकादशी का बहुत महत्व है। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान की विधि-विधान से पूजा की जाती है। साथ ही व्रत भी रखा जाता है। इस साल देवउठनी एकादशी आज 23 नवंबर को मनाया गया। शास्त्रों में बताया गया है कि देवउठनी एकादशी की तिथि पर भगवान विष्णु क्षीर सागर में निद्रा से जागते हैं। ज्योतिषियों के अनुसार, देवउठनी एकादशी पर एक साथ कई शुभ योग बन रहे हैं। इन योगों में भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी कार्यों में सफलता मिलती है। देव उठनी एकादशी पर्व पाटन सहित क्षेत्र के ग्राम दैमार, पंडर, नवागांव, तेली गुंडरा, खामहरिय, देवादा, फुंडा, अरस नारा, लोहारसी, छाटा, टर्रा, जाम गांव एम, मोतीपुर, सांकरा, सिकौला, बठेना, तुलसी , सावनी, रवेली, घुघवा, करसा, राखी, सहित अन्य गांवों में धूमधाम से यह पर्व मनाया गया।