अंडा।बाबा दरबार पावन धाम एवं समस्त ग्रामवासी धनोरा दुर्ग के विशेष सहयोग से मां शत् चंडी यज्ञ एवं श्री राम कथा का आयोजन हो रहा है जिसमें हजारों भक्त कथा का रसपान कर के अपने जीवन को कृतार्थ कर रहे हैं दरबार के श्री लक्ष्मण बाबा ने बताया कि सुबह शाम यज्ञ स्थल मे परिक्रमा कर रहे हैं यह आयोजन 4 फरवरी से 12 फरवरी तक निरंतर चलेगा यज्ञ हवन से वायु सुध्ध होता है परिक्रमा करने से सारे संकट दूर मनोकामनाएं पूरी होते हैं यह यज्ञ पंडित दीपक पाण्डेय के सानिध्य में बनारस से पधारे विद्वान पंडितों के द्वारा मंत्र की करतल ध्वनि के साथ किया जा रहा है
आगे बताया कि कथावाचक जगतगुरु रामानंदाचार्य स्वामी धीरेंद्र चार्य जी महाराज चित्र कुट से पधारे जिनके मुखारविंद से कथा श्रवण करने रायपुर राजधानी से पधारे श्री तारा सिंह चौहान रचनाकार सुरेश ठाकुर कबीर भजन कीर्तन कार पुर्णिमा साहू जस गायक एवं समस्त साथी गण का श्री राम गमछा एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया एवं जगतगुरु धीरेन्द्र चार्य जी महाराज के हांथो चंद्रशेखर बंजारे श्रीमती रुलेशवरी बंजारे वासुदेव स्प्रे आदि गणमान्य नागरिक ने चरण स्पर्श कर के आशीर्वाद लिया आगे कथा मे जगतगुरु ने बताया कि राम के राज तिलक से वनवास की सुंदर कथा श्रोताओं को सुनाई उन्होंने प्रभु श्री राम के बड़े होने के दायित्वो और पिता की आज्ञा पालन के प्रसंग से युवा श्रोताओं को सीख दीए उन्होंने बताया कि प्रभु श्री राम दशरथ के चार पुत्र मे सबसे बड़े पुत्र थे श्रीराम अपने पीता की हर बात का पालन करते थे चारों भाइयों में सबसे बड़े होने के नाते राम को राजपाठ का भी बहुत ज्ञान था हर समय अपने पिता दशरथ का हांथ बटाते थे
जैसे जैसे प्रभु राम बड़े हुए तो दशरथ के मन में एक ही बात थी कि मै अपने जीते जीते राम को अयोध्या का राजा बनाकर राजतिलक कर दु राजा दशरथ ने अपने राज्य में युवराज राम को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया पुरी अयोध्या नगरी प्रभु श्री राम के राजतिलक को उतावली थी इसी बीच माता कैकेई ने राजा दशरथ से वरदान मांगी और श्री राम को बनवास भेजने व भरत का राज तिलक करने की बात कही जैसे ही राजमहल से निकल दरबार मे आए तो उन्होंने राज तिलक के स्थान पर प्रभु श्री राम को 14 वर्ष का वनवास दे दिया महाराज जी ने बताया कि श्री राम बिना कुछ सवाल किए अपने पिता राजा दशरथ की बातों को सुन वनवास के लिए जाने लगे इसी बीच माता सीता और भाई लक्ष्मण भी उनके साथ वनवास के लिए निकल ग ए अपने युवराज को वनवास जाता देख पुरी अयोध्या उनके साथ वन में जाने तैयार थी लेकिन श्री राम ने अपने पिता के वचन का मान रखते हुए सभी को समझाया और वचन पालन के लिए 14 वर्ष के वनवास के लिए निकल पड़े स्वामी जी ने कहा कि आज के युवा ओ को भी प्रभु श्री राम की कथा से प्रेरणा लेते हुए माता पिता की आज्ञा का पालन करने का संकल्प लेना चाहिए उन्होंने कहा कि कलयुग के बच्चे माता पिता के बातो को सुनना तो दुर उन्हें ही वनवास वृद्धाश्रम भेज रहे हैं जहां भी यज्ञ हवन होता है तो मारिच सुबाहु जैसे दानव लोग यज्ञ को विध्वंस करने को तैयार रहते हैं जहां भी यज्ञ हवन कथा होतो हमे जरु दान धर्म करना चाहिए एवं कथा श्रवण जरुर करना चाहिए न कि विध्वंस करने की सोचना चाहिए
संगीत मय भजन की प्रस्तुति के साथ पंडाल में मौजूद सैकड़ों श्रोताओं ने श्री राम कथा का आनंद लिया इस दौरान गणमान्य नागरिक विनोद साहू दमोदर साहू नोहर साहू चैतुरामसाहू ग्रामिण पटेल सुखी राम झब्बू साहू रोशन साहू डोड़की राजू यादव मनसुखा साहू मनोज पटेल रोमनाथ साहू बबलू गज्जू रायपुरीहा भोलू खिलेशवर चीन्टू साहू रुपलाल साहू गुलाब साहू ललित साहू सुऊख राम हेमंत साहू शिवचरण साहू मारियल कुंभकरण पटेल वासुदेव स्प्रे सुंदर स्प्रे दिनेश साहू डोरे लाल ओमकार साहू मुनना गंधर्व जीवराखन ठेकेदार बाबु लाल साहू नंद पंडा आजाद ठाकुर एमलाल देवांगन कल्याण देवांगन योगेश साहू बुध कुमार साहू श्रीमती बबीता साहू ललिता यादव, सुनिता साहू प्रभा साहू लक्ष्मी साहू हितेश पटेल कौशिलिया सेन नीरा साहू दुर्गा साहू प्रमिला साहू देवश्री अंजू देवांगन मंजू साहू पार्वती मंडलिन रुक्मणी साहू पुर ईन साहू छाया किरण साहू दशरि पटेल बुध कुंवर मुंगा स्प्रे रेखा पटेल कु पुजा कु बेदू कु सुरुची कु नेहा कु डिम्पल साहू आदि भक्त गण बड़ी संख्या में मौजूद रहे यह जानकारी दरबार प्रति निधी चंन्द्र कांत कोसरे एवं कुंज लाल साहू ने दी।