पाटन। ग्राम नंदौरी चल रही श्रीमद भागवत कथा में शुक्रवार को भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। कथा में जैसे ही भगवान का जन्म हुआ तो पूरा पंडाल ‘नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की’ जयकारों से गूंज उठा। इस दौरान लोग झूमने-नाचने लगे। इसके बाद कलाकारों ने भागवत कथा स्थल पर झांकी के माध्यम से श्री कृष्ण जन्म की कथा का प्रदर्शन किया। श्री कृष्ण जन्म के अवसर पर पूरा भागवत कथा स्थल को गुब्बारों से सजाया गया था।


भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप में नन्हें बालक के दर्शन करने के लिए लोग लालायित नजर आए। भगवान के जन्म की खुशी पर महिलाओं ने अपने घरों से लाए गए गुड़ के लड्डूओं से भगवान को भोग लगाया। इस अवसर भागवत कथा वचन करते हुए पंडित वासु मोहन दुबे ने कहा कि जब धरती पर चारों ओर त्राहि-त्राहि मच गई। चारों ओर अत्याचार, अनाचार का साम्राज्य फैल गया। तब भगवान श्रीकृष्ण ने देवकी के 8वें गर्भ के रूप में जन्म लेकर कंस का संहार किया। कथा के दौरान मंजू वर्मा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

भक्त ध्रुव की भक्ति का प्रसंग सुनाया
आचार्य श्री ने पहले ध्रुव चरित्र की कथा सुनाते हुए कहा कि भगवान की प्राप्ति और भजन की कोई उम्र नहीं होती। भक्त ध्रुव महाराज ने मात्र 5 वर्ष की आयु में भगवान को प्राप्त कर लिया। अधम से अधम जीव का भी भगवान का नाम उद्धार कर देता है। भगवान श्रीराम का चरित्र सुने बिना श्री कृष्ण के चरित्र सुनने की पात्रता नहीं होती, इसीलिए भागवत में पहले राम चरित्र और फिर बाद में श्री कृष्ण का चरित्र कहा गया है।