अंचल में बिखरी धनबहेर की छटा,पलास के बाद अब अमलतास की बहार….पीले गुच्छेदार फूल लोगों को कर रहा आकर्षित


पंडरिया।पलास के बाद अब अमलतास की बहार,नगर सहित वनांचल में इन दिनों गर्मी चरम पर पहुंचते ही अमलतास के पौधों में पीले झुमरनुमा फूल निकल आये हैं। अमलतास के पीले गुच्छेदार झूमरनुमा फूल अत्यंत ही सुंदर दिखाई पड़ रहे हैं,जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं।पंडरिया के वन क्षेत्र में अमलताश के पैधे अधिक पाए जाते हैं।बैगा-आदिवासी इसे कीड़ोरा फूल के नाम से जानते हैं,शादी व्याह में इससे मंडप सजाने के कार्य भी बैगा समाज द्वारा किया जाता है।इसके फूल का उपयोग सब्जी बनाने के भी करते हैं।इसे धनबहेर के नाम से भी जानते हैं।अमलतास का यह पेड़ की ऊंचाई 4 से लेकर 14 फिट तक होती है।


आयुर्वेद से परिपूर्ण है अमलतास-अमलतास का आयुर्वेदिक महत्व भी है।इसके पत्तियां,फूल-फल,बीज सहित छाल भी उपयोगी होता है।यह अनेक रोगों में काम आता है। अमलतास पेट संबंधी कब्ज,बुखार,
दाद, खाज, खुदली और जलन से राहत दिलाता है।साथ ही शरीर मे
रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है।शरीर के फोड़े फुंसी को खत्म करता है।डायबिटीज के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है।