सीमेंट संयंत्र का गंदा पानी खेतों मे घुसा, किसानों मे आक्रोश,
किसानों ने की स्थाज समाधान एवं मुआवजे की मांग



समीपस्थ ग्राम रवान स्थित बहुराष्ट्रीय सीमेंट संयंत्र एक बार फिर अपनी लापरवाही के चलते किसानों की नाराजगी का कारण बन गया है। संयंत्र से निकलने वाला गंदा और रासायनिक कणों से युक्त पानी खेतों में फैलकर भारी तबाही मचा रहा है। किसानों की वर्षों पुरानी शिकायतों के बावजूद अब तक संयंत्र प्रबंधन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

कई वर्षों से संयंत्र द्वारा निकाला जा रहा अपशिष्ट जल पास के नालों के माध्यम से खेतों तक पहुंच रहा है। इस जल में कोयले, प्लाई ऐश, सीमेंट एवं धूलकणों की मौजूदगी से न केवल खड़ी फसलें प्रभावित हो रही हैं, बल्कि खेतों की उर्वरकता भी समाप्त हो रही है।

बीते वर्ष कई किसानों की पककर तैयार धान की फसल इस पानी की वजह से पूरी तरह नष्ट हो गई थी। इस साल भी कोलियार्ड नाले से तेज बहाव में बहता पानी किसानों की जमीनों में घुस गया है। पानी भरने से फसलों में अंकुरण शुरू हो गया है, जिससे फसलें खराब होने की आशंका और बढ़ गई है। प्रभावित किसानों का कहना है कि उन्होंने एक सप्ताह पहले ही संयंत्र अधिकारियों को सूचित कर दिया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

पीड़ित किसान धनेश्वर साहू ने कहा कि, “बारह महीने खेतों में गंदा पानी भरे रहने के कारण मैंने किसानी छोड़ दी है। अधिकारी सिर्फ आश्वासन देते हैं।”
नंदू साहू ने बताया कि, “फसल बुवाई के समय भी संयंत्र द्वारा पानी छोड़ा जाता है, जिससे खेती करना मुश्किल हो गया है।”
दशमत बाई का कहना है, “किसानी ही हमारा जीवन है, लेकिन संयंत्र उसे भी तबाह कर रहा है। शिकायतों के बावजूद कोई हल नहीं निकलता।”
वहीं छेदु वर्मा ने कहा, “शासकीय कर्मचारी संयंत्र की मेहमाननवाजी में इतने व्यस्त हैं कि कार्रवाई करना ही भूल जाते हैं।”

विरोध में किसानों का आरोप है कि एक ओर अंबुजा फाउंडेशन किसानों की मदद व प्रशिक्षण का दावा करता है, वहीं दूसरी ओर खेतों में गंदा पानी छोड़कर उन्हें मानसिक, आर्थिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित कर रहा है। संयंत्र की जनसुनवाई में किए गए वादे खोखले साबित हो रहे हैं। संयंत्र की कथनी और करनी में भारी अंतर है, जिससे स्थानीय लोगों में भारी रोष है।

किसानों ने कई बार कलेक्टर से लेकर कृषि विभाग तक शिकायत की है। कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा मुआयना भी किया गया है, लेकिन कार्रवाई न होने से किसानों में निराशा है। कुछ किसानों ने बताया कि फसल नुकसान के कारण वे दोहरी बुवाई का बोझ भी झेल रहे हैं।

क्या कहते है जिम्मेदार

“इस पूरे मामले पर संयंत्र के प्रतिनिधि गिरधर मिश्रा ने कहा कि “संयंत्र से निकलने वाला पानी प्राकृतिक है।”

“वहीं ग्राम पंचायत रवान की सरपंच निकिता भारती ने कहा कि किसानों की शिकायत पर नाले की सफाई करवाई जाएगी।”

“जिला कृषि अधिकारी जितेंद्र कंवर ने कहा कि इस संबंध में उन्हें जानकारी मिली है और शिकायत के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।”