पुराने हैंडपंप में सोलर पंप लगाकर बांट दिए नल कनेक्शन, अब नल के कंठ सूखे, हैंडपंप भी खराब

जशपुर । लोगों को घर बैठे पानी की सुविधा देने के लिए जल जीवन मिशन के तहत करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं, पर शुरूआती दौर में ही यह योजना विभागीय अफसरों की लापरवाही व उदासीनता की भेंट चढ़ जा रही है। कई गांव में नए कनेक्शन पुराने हैंडपंपों में सोलर पंप डालकर दिए जा रहे हैं,इससे ग्रामीणों को इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है,जशपुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत महुआटोली में इस योजना के तहत काम होने के बाद ग्रामीणों को पानी की सुविधा मिलने के बजाए समस्या बढ़ गई है,ग्राम पंचायत महुआटोली के तुरीलोदाम गांव की बात करें तो यहां ग्रामीणों को शुद्ध जल उपलब्ध कराने के लिए पीएचई ने तीन हैंडपंप लगाए हैं। वर्तमान में इनमें दो खराब पड़े हैं और एक हैंडपंप को सोलर पंप से जोड़ दिया गया है,ग्रामीणों का कहना है कि इस हैंडपंप में कुछ और पाइप डाले गए और इसे सोलर पंप से जोड़ा गया। सोलर पंप के सहारे टंकी बनाई गई और इस टंकी के भरोसे घर-घर नल कनेक्शन बांटे गए। जब से हैंडपंप में सोलर पंप जुड़ा है, तब से समस्या और बढ़ गई है,पहले जिस हैंडपंप से ग्रामीण कभी भी पानी प्राप्त कर लेते थे, वहां से पानी प्राप्त करने के लिए अब ग्रामीणों को घंटों इंतजार करना पड़ता है। इधर घरों में जो नल कनेक्शन दिए गए हैं, उसे लगे तीन माह से अधिक का वक्त बीत चुका है, पर एक दिन भी इन नलों में पानी नहीं आया है। नल की सूखी टोटियां सिर्फ घर के अांगन की शोभा बढ़ा रहे हैं,सरपंच बोले इंजीनियर देखकर गए हैं सुधार के लिए कई बार कहा गया गांव के महिला सरपंच के पति रामस्वरूप सिंह गांव की सरपंची देखते हैं। रामस्वरूप सिंह ने बताया कि उन्होंने क्रेडा व पीएचई दोनों विभाग में यह जानकारी दी है, पर विभाग के इंजीनियर देखकर गए हैं पर सुधार नहीं हो पा रहा है। हमारे महुआटोली बस्ती तक इस एक सोलर पंप से पानी पहुंचाना बेहद मुश्किल है। क्योंकि बस्ती बड़ी है,143 करोड़ रुपए की लागत से योजना में हो रहा काम

जशपुर जिले में जल जीवन मिशन में 143.53 करोड़ रुपए की लागत से लोगों के घर तक स्वच्छ पानी पहुंचाने का काम चल रहा है। इनमें जशपुर जिले में स्वीकृत 60 रेट्रोफिटिंग योजना में 30.61 करोड़ रुपए, 375 एकल ग्राम व सोलर पम्प योजना में 112.92 करोड़ रुपए लागत से काम होगा,143 करोड़ रुपए की लागत से योजना में हो रहा काम

जशपुर जिले में जल जीवन मिशन में 143.53 करोड़ रुपए की लागत से लोगों के घर तक स्वच्छ पानी पहुंचाने का काम चल रहा है। इनमें जशपुर जिले में स्वीकृत 60 रेट्रोफिटिंग योजना में 30.61 करोड़ रुपए, 375 एकल ग्राम व सोलर पम्प योजना में 112.92 करोड़ रुपए लागत से काम होगा,हैंडपंप नहीं सुधरने पर तालाब एकमात्र विकल्प ग्रामीण मुन्ना प्रताप यादव ने बताया कि इस गांव में एक भी हैंडपंप सही नहीं है, जहां से ग्रामीण पानी प्राप्त कर सकें। नल से ग्रामीण सिर्फ पीने का पानी लेते हैं। निस्तारी के लिए ग्रामीण पूरी तरह से तालाब पर निर्भर हैं। गर्मी बढ़ने के साथ यदि सोलर पंप वाले नल से भी पानी नहीं मिलेगा तो ग्रामीणों के पास पीने के पानी के लिए कोई विकल्प नहीं बचेगा। ऐसी स्थिति में पीने का पानी भी ग्रामीण तालाब से ही लेकर जाएंगे। हालांकि अबतक ऐसी नौबत नहीं आई है पर यदि जल्द सुधार नहीं होता है तो ऐसी नौबत आ सकती है,नए ट्यूबवेल के लिए बोर कराना पड़ेगा महुआटोली में जिस ट्यूबवेल में सोलर पंप लगा है, वह पूरी बस्ती में पानी सप्लाई के लिए पर्याप्त नहीं है। वहां नया ट्यूबवेल खनन करना पड़ेगा। इसके लिए प्रस्ताव भेजा गया है। स्वीकृति मिलते ही खनन कर दिया जाएगा। इस प्रक्रिया में कम से कम एक महीने का वक्त लग सकता है।

कमल कंवर, एसडीओ, पीएचई, जशपुर