आशीष दास
कोण्डागांव । जिले में साक्षरता कार्यक्रम को सुचारू ढंग से संचालित करने की दिशा में 8 सितम्बर से 14 सितम्बर 2022 तक साक्षरता सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के लिए विशेष रणनीति तैयार कर सभी वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित करने सहित धरातल में कार्यान्वयन हेतु ध्यान केन्द्रीत किया जा रहा है। जिसके तहत् साक्षरता सप्ताह के अलग-अलग दिवस हेतु पृथक-पृृथक गतिविधियां आयोजित कर वातावरण निर्माण को प्राथमिकता दी जा रही है। जिसके तहत् अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर 08 सितम्बर को जिले के सभी शासकीय एवं अशासकीय स्कूलों में प्रातः प्रभातफेरी एवं रैली निकाली गयी। वहीं साक्षरता संदेश एवं नारे का वाचन किया गया। दूसरे दिवस 09 सितम्बर को जिला स्तर से लेकर ग्राम पंचायत स्तर तक विभिन्न संस्थाओं में साक्षरता संगोष्ठी एवं परिचर्चा का आयोजन किया गया। इसी क्रम में कलेक्टोरेट के सभाकक्ष में जिला साक्षरता समिति सहित समाज कल्याण विभाग एवं पिरामल फॉउन्डेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित जिला स्तरीय साक्षरता संगोष्ठी के दौरान वक्ताओं ने साक्षरता कार्यक्रम को अक्षर ज्ञान ही नहीं बल्कि जीवन में बदलाव लाने के लिए महत्वपूर्ण जीवन कौशल से जोड़ने पर बल दिया। वहीं वक्ताओं ने स्वयंसेवकों को धरातल पर साक्षरता कार्यक्रम को बेहतर ढंग से संचालित करने की समझाईश देते हुए कहा कि साक्षरता की ज्योति को गांव-घर से जलाना होगा। घर के बड़े-बुजुर्ग जो असाक्षर हैं उन्हे साक्षर करने सहित इसकी महत्ता को बताना होगा। इस मौके पर सेवानिवृत व्याख्याता श्री घनश्याम नाग ने साक्षर भारत कार्यक्रम में दी गयी अपनी सेवाओं का अनुभव साझा करते हुए बताया कि यह हमारा सामाजिक दायित्व है और जनसाधारण को साक्षर बनाने जनान्दोलन का रूप देना जरूरी है। महिला एवं बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक डॉ0 जयमती कश्यप ने कहा कि वह स्वयं स्कूल नहीं गयी और प्रौढ़ शिक्षा की कक्षा में पढ़ाई कर आज इस मुकाम को हासिल किया है। वहीं घर-परिवार के 12 सदस्यों को शिक्षित करने का बीड़ा उठाया। जिसके फलस्वरूप परिवार के 7 सदस्य शासकीय सेवा में है। इसलिए साक्षरता केवल अक्षर ज्ञान ही नहीं बल्कि यह जीवन को एक नई दिशा देने का आधार है। संगोष्ठी में प्राचार्य आरएस मंडावी, शिक्षिका मधु तिवारी,हिन्दी साहित्य समिति से जुड़े हरेन्द्र यादव एव बृजेश तिवारी के अलावा गौतम साहू, उमेश मण्डावी, सैय्यद तौसिफ आलम, श्रवण मानिकपुरी आदि वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त कर साक्षरता की महत्ता पर प्रकाश डाला। इस मौके पर अवगत कराया गया कि साक्षरता सप्ताह के तहत् 10 सितम्बर को जिले के शैक्षणिक संस्थाओं में साक्षरता कार्यक्रम पर आधारित गीत, नृत्य, पेंटिंग, चित्रकला, रंगोली स्पर्धा का आयोजना किया जायेगा। वहीं 11 सितम्बर को महिला साक्षरता पर केन्द्रीत कार्यक्रम होंगे। 12 सितम्बर को स्कूली एवं महाविद्यालयीन छात्र-छात्राओं के बीच भाषण, निबंध, पोस्टर प्रतियोगिता का अयोजना होगा। 13 सितम्बर को न्यू इंडिया लिटरेर्स प्रोगारम के शिक्षार्थियों का लेखन कार्यक्रम तथा प्रौढ़ शिक्षार्थियों के लिए चित्र लेखन और लिखों कार्यक्रम का अयोजना किया जायेगा। साक्षारता सप्ताह के अंतिम दिन 14 सितम्बर को सम्मान एवं सामूहिक संकल्प कार्यक्रम को अयोजन किया जायेगा, जिसमें साक्षारता और शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले स्वयंसेवकों, युवाओं, वालेंटियर्स, शिक्षकों आदि को सम्मानित किया जायेगा। संगोष्ठी के दौरान उप संचालक समाज कल्याण ललिता लकड़ा, परियोजना अधिकारी जिला साक्षरता समिति वेणु गोपाल राव सहित शिक्षा, आदिवासी विकास, समाज कल्याण ईत्यादि विभागों के अधिकारी-कर्मचारी और साक्षरता कार्यक्रम के स्वयंसेवक एवं प्रेरक मौजूद थे। संगोष्ठि का संचालन एवं आभार प्रदर्शन पिरामल फॉउन्डेशन के हरिओम चौरसिया तथा सचिन निम्बारते ने किया।