डॉ प्रकाश अनंत दो दिवसीय प्रवास पर, महारैली में रामलीला मैदान दिल्ली में होंगे शामिल

पाली । अखिल भारतीय असंगठित कामगार एवं कर्मचारी कांग्रेस के राष्ट्रीय समन्वयक एवं राजस्थान प्रभारी डॉ प्रकाश अनंत दो दिवसीय प्रवास पर आज दिल्ली जा रहे हैं। अखिल भारतीय परिसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सांसद एवम राष्ट्रीय अध्यक्ष के आह्वान पर देश भर से लाखों लोग इस महारैली में शामिल होने अपने निजी साधन से दिल्ली पहुंच रहे हैं, इसी तारतम्य में डॉ प्रकाश अनन्त आज रायपुर स्वामी विवेकानंद विमानतल से दिल्ली जा रहे हैं। डॉ अनन्त ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ उदित राज जी ने 28 नवंबर को रामलीला मैदान दिल्ली में महारैली का आह्वान किया है। यह रैली का मुख्य उद्देश्य भारत सरकार द्वारा नये संसद भवन का निर्माण कराया है, जो लगभग बनकर तैयार है। महारैली में मुख्य मांग नए संसद भवन का नाम संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर जी के नाम से करने, निजीकरण एवम बेरोजगारी के खिलाफ, उच्च न्यायपालिका में उचित आरक्षण करने आदि विशेष मुद्दों पर महारैली का आह्वान किया गया है।डॉ अनन्त ने अपने वक्तव्य में कहा कि संसद भवन का नाम बाबा साहब के नाम से करना हमारे देश और संविधान के प्रति सम्मान को दर्शाता है। अनुसूचित जाति/जन जाति संगठनों का अखिल भारतीय परिसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष, डॉ. उदित राज (पूर्व सांसद) ने मांग की है कि नए संसद भवन का नाम डॉ बी. आर. अंबेडकर के नाम पर रखा जाए। न्यू विस्टा प्रोजेक्ट 2020 में लॉन्च किया गया था और नई पार्लियामेंट बिल्डिंग बन रही है, जो पूरी होने वाली है। अनुसूचित जाति/जाति परिसंघ इस मांग को उठाने वाला पहला संगठन है। हम इसी मांग को लेकर 28 नवंबर, 2022 को नई दिल्ली के रामलीला मैदान में रैली करने जा रहे हैं। डॉ अंबेडकर हमारे मसीहा हैं। 10 दिसंबर 2020 को जब कोविड चरम पर था, उस समय इस मांग को लेकर दिल्ली में एक विशाल प्रदर्शन आयोजित किया गया था। जब लोग घरों से बाहर निकलने से डरते थे और लॉक डाउन सख्ती से लगाया गया था, उस समय हमारे साथ बाबा साहब के सैकड़ों अनुयायियों ने अपने जीवन को जोखिम में डालकर इस मांग को लेकर प्रदर्शन किया था क्योंकि यह मांग हमारे मुक्तिदाता- बाबा साहेब डॉ बी आर अम्बेडकर की गरिमा से जुड़ा है। हम तेलंगाना की टीआरएस सरकार की सराहना करते हैं कि उसने नए संसद भवन का नाम डॉ बी आर अंबेडकर के नाम पर रखने के लिए एक प्रस्ताव पारित करने के लिए राज्य विधानसभा का एक विशेष सत्र बुलाया। तेलंगाना विधानसभा के दोनों सदनों ने सर्वसम्मति से पारित किया लेकिन भाजपा अनुपस्थित रही। विपक्ष के नेता मल्लू भट्टी विक्रमार्क ने सदन में मांग उठाई और सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री के टी रामाराव ने प्रस्ताव पेश किया। प्रस्ताव तर्क और आधार के साथ था क्योंकि डॉ बी आर अम्बेडकर ही हैं जो इसके लिए सबसे योग्य हैं, जिन्होंने संविधान को जन्म दिया और सामाजिक न्याय के लिए लड़ाई लड़ी। तेलंगाना के मुख्यमंत्री धन्यवाद के पात्र हैं, जिनके बिना यह संभव नहीं हो सकता था।

डॉ प्रकाश अनन्त ने कहा कि 28 नवंबर, 2022 को नई दिल्ली के रामलीला मैदान में रैली करने जा रहे हैं। देश भर से हजारों अम्बेडकरवादी, बौद्ध और सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ने वाले संगठन इस आह्वान में शामिल हो रहे हैं और वे रैली में भाग लेंगे। इसके अलावा, हम सार्वजनिक उपक्रमों और सरकारी संस्थानों के निजीकरण को रोकने, सरकारी नौकरियों में बैकलॉग भरने, निजी क्षेत्र में आरक्षण, उच्च न्यायपालिका में आरक्षण जैसे मुद्दों को उठाते रहे हैं। डॉ उदित राज ने आगे कहा कि मोदी सरकार नाम बदलने और स्थानों और स्मारकों के नाम बदलने के लिए जानी जाती है। इसने इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयाग राज, फैजाबाद का नाम अयोध्या, अलीगढ़ का नाम हरिगढ़ और मुगलसराय का नाम दीन दयाल उपाध्याय कर दिया है, इसलिए इस नए संसद भवन का नाम डॉ बी आर अंबेडकर के नाम पर रखने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।