डॉ. एस. एस. सेंगर ने किया कृषि महाविद्यालय मर्रा का निरीक्षण… पुस्तकालय एवं शैक्षणिक कार्यों की किया बड़ी सराहना

पाटन। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के निदेशक (शिक्षण) डॉ. एस. एस. सेंगर ने आज संत विनोबा भावे कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र, मर्रा का निरीक्षण किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. अजय वर्मा ने पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका स्वागत किया।

निरीक्षण के दौरान डॉ. सेंगर ने परीक्षा शाखा, शैक्षणिक शाखा,परीक्षा कक्ष, पुस्तकालय एवं महाविद्यालय की विभिन्न प्रयोगशालाओं और अनुसंधान इकाइयों का भ्रमण किया। उन्होंने महाविद्यालय में संचालित विभिन्न शैक्षणिक और शोध गतिविधियों की सराहना करते हुए कहा कि छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और शोध कार्यों से जोड़ने के लिए आधुनिक तकनीकों का अधिकतम उपयोग किया जाना चाहिए।

पुस्तकालय प्रदर्शनी का उद्घाटन,,
कृषि महाविद्यालय के पुस्तकालय में पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जिसका उद्घाटन डॉ. सेंगर के करकमलों द्वारा किया गया। इस अवसर पर उन्होंने छात्रों और प्राध्यापकों को पुस्तकालय के महत्व और डिजिटल संसाधनों के प्रभावी उपयोग पर जोर देने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि डिजिटल लाइब्रेरी और आधुनिक तकनीकों का समावेश, छात्रों को प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं और भविष्य के लिए बेहतर तैयार करने में सहायक होगा।

•परीक्षा संचालन में कड़ाई के निर्देश
डॉ. सेंगर ने परीक्षा प्रभारी एवं सभी प्राध्यापकों को परीक्षा संचालन में पूर्ण अनुशासन एवं निष्पक्षता बनाए रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि परीक्षा के दौरान शुचिता एवं पारदर्शिता बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है, जिससे छात्रों को उनके वास्तविक ज्ञान और मेहनत का उचित मूल्यांकन मिल सके।
आगे डॉ. सेंगर ने महाविद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता, अनुसंधान गतिविधियों एवं प्राध्यापकों के योगदान की सराहना की और कहा कि इस संस्थान को राज्य के अग्रणी कृषि महाविद्यालयों में स्थापित करने के लिए सभी को समर्पण और परिश्रम से कार्य करना होगा।
इस अवसर पर महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. अजय वर्मा ने पुस्तकालय के प्रभावी उपयोग और उसकी महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज के डिजिटल युग में छात्र ज्ञानार्जन के लिए मोबाइल और इंटरनेट पर अधिक निर्भर होते जा रहे हैं, जिससे उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने छात्रों को पुस्तक पढ़ने की आदत विकसित करने एवं शारीरिक रूप से पुस्तकालय में अध्ययन करने के लिए प्रेरित किया।
डॉ. वर्मा ने यह भी कहा कि शिक्षकों को स्वयं पुस्तकालय और डिजिटल संसाधनों का अधिकाधिक उपयोग करना चाहिए, ताकि वे छात्रों के लिए प्रेरणा स्रोत बन सकें।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के अधिकारी, कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहें!