द्रौपदी मुर्मू ने देश के 15वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ले ली हैं। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण ने उन्हें शपथ दिलाई। बता दें कि मुर्मू देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं, सर्वोच्च संवैधानिक पद संभालने वाली पहली आदिवासी महिला और स्वतंत्र भारत में पैदा होने वाली पहली राष्ट्रपति हैं।
मेरे लिए जनता का हित सर्वोपरि : द्रौपदी मुर्मू
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मैंने ओडिशा के गांव से जीवन यात्रा शुरू की है। ये पद मेरी उपलब्धि नहीं, बल्कि देश के गरीबों की उपलब्धि है। लोकतंत्र की शक्ति से यहां पहुंची हूं। मैं गौरवान्वित महसूस कर रही हूं। मेरे लिए जनता का हित सर्वोपरि है।
हमारी सभी बहनें व बेटियां अधिक से अधिक सशक्त हों
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि मैं चाहती हूं कि हमारी सभी बहनें व बेटियां अधिक से अधिक सशक्त हों तथा वे देश के हर क्षेत्र में अपना योगदान बढ़ाती रहें।
मेरा राष्ट्रपति के पद तक पहुंचना भारत के प्रत्येक गरीब की उपलब्धि
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि राष्ट्रपति के पद तक पहुंचना, मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, ये भारत के प्रत्येक गरीब की उपलब्धि है। मेरा निर्वाचन इस बात का सबूत है कि भारत में गरीब सपने देख भी सकता है और उन्हें पूरा भी कर सकता है। मेरे इस निर्वाचन में, पुरानी लीक से हटकर नए रास्तों पर चलने वाले भारत के आज के युवाओं का साहस भी शामिल है। ऐसे प्रगतिशील भारत का नेतृत्व करते हुए आज मैं खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही हूँ।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कारगिल दिवस की दी बधाई
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि कल यानि 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस भी है। ये दिन, भारत की सेनाओं के शौर्य और संयम, दोनों का ही प्रतीक है। मैं आज, देश की सेनाओं को तथा देश के समस्त नागरिकों को कारगिल विजय दिवस की अग्रिम शुभकामनाएं देती हूं।