“राहत की जलधारा” से 239 गांवों का सूखा दूर, 470 तालाबों तंक पहुंचा पानी एक- दो दिन में बांकी भी लो हो गया था इंतजाम जल संकट दूर करने गंगरेल से 700 क्यूसेक पानी छोड़ा

अभिषेक मिश्रा,बलौदा बाजार।ग्रीष्म ऋतु के प्रारंभ होने के साथ ही साथ नगर तथा ग्रामीण ईलाके के जलाशयों तथा तालाबों में जलस्तर तेजी से कम होने लगा था जिससे एक ओर जहां भूजल स्तर में कमी आ रही थी वहीं ग्रामीण ईलाकों में निस्तारी संकट भी उत्पन्न होने लगा था। तालाबों तथा जलाशयों को भरने के लिए गंगरेल जलाशय से बीते दिनों छोड़ा गया पानी बीबीसी तथा एलबीसी कैनाल के जरिए एक ओर जहां बलौदा बाजार जलाशय यानि छुईहा टैंक में पानी भरने लगा है वहीं छुईहा टैंक की शाखा नहरों के जरिये पानी छोड़े जाने से नगर के तालाबों में भी पानी भरा जाने लगा है। बीते कुछ दिनों से ग्रामीण ईलाकों के भी सैकड़ो तालाब नहरों के जरिए भरे जाने लगे हैं जिससे ग्रामीण ईलाकों के लोगों को बड़ी राहत मिली है

क्षेत्र के तालाबों की पूरी तस्वीर ही बदल गयी है। बलौदा बाजार नगर की नहरों के माध्यम से तालाबों में पानी भरे जाने से नगर के बहुतेरे ईलाकों के सूखे पड़े हैंडपंप रिचार्ज हो गए हैं जिससे आगामी गर्मी के दिनों के लिए निस्तारी संकट अब कम होने की संभावना है वहीं नगर पालिका तथा प्रशासन द्वारा तालाबों को भरने वाली नहरों की सफाई किए जाने से भी तालाबों में आसानी से पानी पहुंच रहा है।
विदित हो कि नगर में विगत पखवाड़े भर से भीषण गर्मी की वजह से नगर के प्रमुख तालाबों का पानी लगातार कम होता जा रहा था जिसके कारण नगर के बड़े हिस्से में निस्तारी की समस्या खड़ी होने लगी थी। नगर के पिपरहा, धोबी, चिन्नास्वामी, रामसागर, रानीसागर, देवरहा तथा सोलहा तालाबों के साथ ही साथ नगर के समीपस्थ स्थित बलौदा बाजार जलाशय (छुईहा जलाशय) में भी पानी कम होने लगा था। गौरतलब है कि नगर के उक्त तालाबों में नगर के लगभग 40 से 50 फीसदी लोगों की निस्तारी होती है वहीं ग्रामीण ईलाकों में भी तालाब तथा जलाशय लोगों की निस्तारी के बड़े साधन होने के साथ ही साथ भूजल स्तर को रिचार्ज करने में बड़ी मदद करते हैं। भीषण गर्मी तथा तेज धूप की स्थिति में जलाशयों तथा तालाबों का पानी लगातार कम होने से ग्रामीण ईलाकों में निस्तारी की समस्या लगातार गहराते जा रही थी वहीं नगर के गौरव पथ, इंदिरा कालोनी, वैष्णव कॉलोनी, परसाभदेर रोड, पुरानी बस्ती ईलाके में भी भूजल स्तर कम होने की शिकायत मिलने लगी थी। मार्च माह के अंतिम सप्ताह से ही लोगों के घरों के बोरवेल्स तथा नगर पालिका के बोर का जलस्तर कम होने लगा था। तेजी से घटते भूजल स्तर से लोगों की समस्या बढ़ती ही जा रही थी।

॰ नहर से अमृत तुल्य आया पानी – नगरवासियों की लगातार मांग के बाद बीते दिनों गंगरेल जलाशय से छोड़ा गया पानी बीबीसी और एलबीसी के माध्यम से सीधे बलौदा बाजार में आ रहा है। बीबीसी की शाखा नहर तथा जलाशय की शाखा नहरों के माध्यम से पानी नगर के तालाबों को भरने के लिए भी छोड़ा जा गया है। तालाबों को भरने से पूर्व अतिक्रमण तथा गंदगी से पूरी तरह से पट चुकी नहरों की नगर पालिका के द्वारा अनेक हिस्सों में सफाई कराई गयी है। नहरों के साफ होते ही पानी खोला गया है जिससे नगर के चिन्नास्वामी, धोबी तालाब, पिपरहा तालाब, रानीसागर, सोलहा तथा देवरहा तालाबों को भरा जा रहा है। तालाबों में पानी भरे जाने से नगरवासी काफी प्रसन्न हैं तथा आगामी मई जून के दिनों तक निस्तारी की समस्या के दूर हो जाने से वे निश्चिंत हो गए हैं।

॰ नहरों तथा तालाबों पर नगर पालिका दे ध्यान – नहरों में पानी छोड़े जाने के बाद सबसे ज्यादा खुश नहरों के किनारे रहने वाले लोग हैं। नहरों में पानी भरे रहने से आसपास निवास करने वाले लोगों की बंद पड़ी बोरिंग तथा सूख चुके कुओं में फिर से पानी आने लगा है। नगर के कमल कालोनी, इंदिरा कालोनी, गॉर्डन चौक निवासी लोगों ने बताया कि उनके घरों के कुएं तथा हैंहपंपो से बीते पंद्रह बीस दिनों से पानी आना कम हो गया था परंतु बीते सप्ताह भर से नहरों के पानी से भरे होने के बाद से कुएं तथा हैंडपंपो में फिर से पानी आने लगा है। नहरों से पानी आने के बाद जिन बोरिंग में जलस्तर कम हो गया था उनमें भी अब पानी आने लगा है जिससे लोग प्रसन्न हैं।

चार सौ से अधिक तालाब भर चुके हैं – जल संसाधन विभाग बलौदा बाजार के प्रभारी कार्यपालन अभियंता व्ही के सिरमौर ने बताया कि गंगरेल से छोड़े गए पानी से 700 क्यूसेक पानी जिले को मिला है। विभाग द्वारा जिले के 259 ग्रामों के कुल 506 तालाबों को भरे जाने का लक्ष्य था जिसमें से आज दिनांक तक जिले के कुल 239 ग्रामों के 470 तालाबों को भरा जा चुका है तथा 13 ग्रामों के शेष 19 तालाबों तक भी पानी जा रहा है जिसे जल्द ही भर लिया जाएगा। जिन ग्रामों के तालाबों में मनरेगा के तहत कार्य चल रहा है केवल उन्ही तालाबों को ग्रामीणों की मांग पर छोड़ा गया है। आने वाले दिनों में सभी तालाबों, जलाशयों में पर्याप्त पानी भरा जाएगा।