राजनांदगांव। डोंगरगढ़ ब्लॉक शासकीय प्राथमिक शाला दमऊदाहरा में प्रधान पाठक शिक्षक शराब के नशे में स्कूल पहुंचता था। आकस्मिक निरीक्षण में पहुंची बाल संरक्षण आयोग की सदस्य तब मामले का हुआ खुलासा।
राजनांदगांव जिले डोंगरगढ़ ब्लॉक के प्राथमिक शाला प्रधान पाठक अरुण कुमार मंडावी जो हमेशा शराब पीकर नशे की हालत में स्कूल पर जाता था।। दिनांक 12.7.2023 को औचक निरीक्षण में पहुंची बाल संरक्षण आयोग की सदस्य श्रीमती संगीता गजभिए छ, ग, शासन पहुंचने पर पता चला कि स्कूल के शिक्षक अरुण कुमार जो स्कूल पर नदारद मिले बच्चों से सवाल जवाब में पता चला कि वहां के प्रधान पाठक नशे के हालत में स्कूल पर आते हैं और चले जाते हैं तत्काल डोंगरगढ़ ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को इसकी सूचना गजभिए मैडम के द्वारा दिया गया कि यहां के जो शिक्षक है अरुण कुमार मंडावी जो नशे के हालत में स्कूल पर आए हुए थे और आने के बाद स्कूल से नदारद मिले । बच्चों के द्वारा बताया गया कि हमारे शिक्षक हमेशा स्कूल पर नशे के हालत में ही आते हैं और हमें पढ़ाया नहीं जाता संगीता गजभिए के द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी को अवगत कराया की प्रधान पाठक स्कूल पर नहीं आए हैं और नशे के हालत में आते हैं तत्काल कारवाही करते हुए प्रधान पाठक को निलंबित कर दिया गया है।
राजनांदगांव जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा कार्यवाही किया गया प्रधान पाठक अरुण कुमार मंडावी शाला में शराब का सेवन करके आता था इस प्रकार ग्रामीणों के द्वारा बताया गया कि हमेशा शिक्षक स्कूल से नदारद रहता था शासकीय प्राथमिक शाला दमऊदहरा विकासखंड डोंगरगढ़ बिना पूर्व सूचना के शालेय कार्य में अनुपस्थित रहना कर्तव्य अवधि मैं शराब के नशे में होना एवं बच्चों को नहीं पढ़ाना आदि कियाकलाप पदीप कर्तव्यों के रति घोर लापरवाही एवं अनुशासनहीनता प्रदर्शित करता है जोकि कदाचरण की श्रेणी में आता है आपका यह कृत्य छः ग. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के विपरीत है अतः छ ग सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील नियम 1966 के नियम 9 उपनियम 1 के तहत अरुण कुमार मंडावी प्रधान पाठक प्राथमिक शाला दमऊदहरा विकासखंड डोंगरगढ़ को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।
स्कूल के टीचर नशे में चूर था
डोंगरगढ़ ब्लॉक के मडि़यान संकुल के शासकीय प्राथमिक शाला दमऊदाहरा में आकस्मिक निरीक्षण में पहुंची बाल संरक्षण आयोग के सदस्य जहां पर, टीचर को नशे के हालत में पाया गया। और बच्चों से पूछने पर पता चला कि, यह टीचर जो है रोज नशे की हालत में स्कूल आता है और बच्चे को पढ़ाते भी नहीं है।
यहां स्कूल में स्वीपर है उससे बात करने से पता चला है कि स्वीपर द्वारा ही बच्चों का अटेंडेंस लिया जाता है, और स्वीपर ही बच्चों को पढ़ाने का काम करते हैं।
ग्रामीणों से भी बात करने से पता चला है यह टीचर लगभग 4-5 वर्षों से यही स्कूल में ड्युटी कर रहा है जो की हमेशा नशे की हालत में आता है ,पर अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं किया गया।
इस स्कूल में कुल 33 बच्चे हैं जहां 1 ही टीचर है और इस टीचर का भी यह बुरी हालत है।
ग्रामीणों का कहना है इस टीचर की वजह से हमारे बच्चे कुछ भी नहीं सिख पा रहे हैं उनका भविष्य खराब हो रहा है,इस टीचर को स्कूल से बर्खास्त किया जाए। लगातार स्कूलों में दौरा करने के बाद पता चल रहा है की जो स्कूल की हालत है चिंताजनक है कई जगह शिक्षक बच्चों से दूर व्यवहार किया जाता है कहीं पर बच्चों को गाड़ी धुलाया जाता है कहीं पर बच्चों को स्कूल यह परिसर पर काम करवाया जाता है आखिर ऐसे शिक्षकों के ऊपर कार्यवाही क्यों नहीं हो पाती कई राजनेता का संरक्षण इन शिक्षकों को मिल रहा है ऐसे पता चला है अब देखना यह है कि राजनेता के ऊपर कार्यवाही होती है या शिक्षक के ऊपर होती है छत्तीसगढ़ में शिक्षा विभाग विभाग बदनाम होते हुए नजर आ रही हैं।