हरिनाला में बाढ़ के चलते दूसरे दिन भी कवर्धा-बिलासपुर मार्ग बंद रहा, बारिश जारी तीजहारिन महिलाएं परेशान


पंडरिया।नगर के हरिनाला में शुक्रवार को भी पुल के ऊपर पानी चलता रहा,जिसके कारण कवर्धा-पंडरिया-बिलासपुर मार्ग बंद रहा।गुरुवार देर शाम व रात में कुछ घंटों के लिए मार्ग खुला था,जिसके पश्चात लगातार बारिश के चलते शुक्रवार सुबह से हरिनाले का जलस्तर बढ़ गया।सुबह से शाम तक पुल के ऊपर से करीब 4 फीट पानी चलता रहा।सुबह नाले में अधिक पानी होने पर कुछ बसों को जोखिम लेकर निकालते रहे।जिसके बाद बैरिकेट्स लगाकर रास्ता बंद किया गया।प्रतिवर्ष तीज पर्व के समय हरिनाला में बाढ़ की स्थिति होती है।


तिजहारिन हो रहे परेशान-दो दिन बाद छत्तीसगढ़ का प्रमुख त्योहार तीज होने वाला है,जिसके कारण महिलाएं अपनी मायके जा रहे हैं।इस दौरान उन्हें नाले के पास आकर लौटना पड़ रहा है।बाइक,कार, बस सहित अन्य साधन से लोग नगर पहुंचते।जहां आने पर बाढ़ के कारण वापस होना पड़ता है।कई घंटे इंतजार करने अथवा दूसरे रास्ते से घूमकर जाने के अलावा और कोई उपाय नहीं रहता है।नाले में बाढ़ के कारण छोटे बच्चे लेकर सफर कर रहे महलाओं को परेशान होना पड़ रहा है।
सवारी बदलकर अन्य रास्ते से चल रहे बस-नाले में बाढ़ के कारण यात्री बसें मुख्य मार्ग से नहीं चल रहे हैं।उन्हें कवर्धा या बिलासपुर जाने के लिए अन्य ग्रामीण रास्तों के सहारा लेना पड़ रहा है।बसें कुंडा,रहूंटा, या पाढ़ी होकर जाना पड़ रहा है।लोगों को कवर्धा अथवा बिलासपुर जाने के लिए रहूंटा या महली से बस पकड़नी पड़ रही है।जिसके कारण यात्रियों को महली या रहूंटा जाना पड़ रहा है।इसके साथ ही ग्रामीण सड़कों में बड़ी बसें नहीं चलने के कारण बस संचालक सवारी को महली या रेहूंटा में बदलकर बसों का संचालन कर रहे हैं। वहीं सड़को में कुछ बसें ही चल रही है,जिससे यत्रियों को परेशान होना पड़ रहा है।
नदी भी उफान पर– नगर के हरिनाला के अलावा क्षेत्र का हाफ नदी भी उफान पर है।जो तटबंधो से बाहर बह रही है।हाफ नदी व नाले से नदी किनारे लगे सब्जी, मूंगफली,गन्ना सहित खरीफ के फसलों को नुकसान हो रहा है।शुक्रवार को भी दिन भर रुक-रुक कर बरसात जारी रही।ऐसे मौसम में अभी बाढ़ से राहत मिलने के आसार नहीं दिख रहे हैं।
पुल बनाने ध्यान नहीं-पंडरिया विधान सभा मे 15 वर्ष तक बीजेपी की सरकार रही वहीं 5 वर्ष से कांग्रेस की सरकार है।दोनों दलों में महवपूर्ण लोग काबिज रहे।किन्तु इस पुलिया के निर्माण कराने में असमर्थ रहे।प्रतिनिधियों को जनता के परेशानियों से कोई मतलब नहीं है।आगामी विधानसभा चुनाव में सभी दलों को मिलाकर 100 से अधिक दावेदार सामने आ रहे हैं।किंतु चुनाव जीतने के बाद समस्या से कोई सरोकार नहीं रहता।पंडरिया क्षेत्र का उपयोग केवल अपना राजनीति चमकाने के लिए ही करते हैं।