आशीष दास
कोंडागांव । कोंडागांव जिले में संजीवनी कहे जाने वाले 108 एंबुलेंस सेवा खुद बीमार पड़ चुकी है। 108 एंबुलेंस सेवा की बदहाली के चलते गंभीर मरीज व दुर्घटनाग्रस्त लोगों को इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है। 108 एंबुलेंस सेवा के पीछे मरीजों को गोल्डन आवर में अस्पताल पहुंचाने का उद्देश्य है। लेकिन कई बार मरीजों को तत्काल एंबुलेंस की सेवा नहीं मिल पा रही है। 108 नंबर पर डायल करने के बाद बताया जाता है सभी एंबुलेंस व्यस्त हैं या कभी कभी तो फोन भी नहीं लगता जिससे लोगों ने नाराजगी जताई।कोंडागांव जिले नगर और ग्रामीण अंचलों के मरीजों के लिए शुरू की गई 108 एम्बुलेंस सेवा का लाभ लोगोंं को नहीं मिल पा रहा है। जिसके कारण ग्रामीण मरीजों और परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।नियामानुसार, अधिक उपयोग होने के बाद दूसरा वाहन सेवा के लिए उपलब्ध कराना था, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है। यहां वाहन का रखरखाव भी नहीं किया जाता है। इसके बावजूद चिकित्सा हेल्थ केयर एजेंसी द्वारा सरकार से प्रति महीना करोड़ों रुपए ले रही है। एंबुलेंस सेवा बदहाल होने के कारण यहां के जरूरतमंद निजी वाहन या ऑटो से इलाज के लिए हॉस्पिटल पहुंच रहे हैं। बिगड़ती 108 की सेवा की ओर किसी का ध्यान नहीं है।

क्या कहते हैं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी-इस विषय पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कोंडागांव आरके सिंह से बात करने पर उन्होंने बताया कि पूरे जिले में 108 एंबुलेंस पर्याप्त नहीं है और एंबुलेंस की जरूरत है। जिसकी जानकारी हमने ऊपर दे दी है। फिलहाल जिले में टोटल आठ एंबुलेंस है जिसमें बडेराजपुर के एंबुलेंस का सेल्फ खराब है और मर्दापाल के एंबुलेंस का बैकअप बैटरी खराब है और एक एंबुलेंस रायपुर गया बनने के लिए। बाकी एंबुलेंस में रिपेयरिंग मांग रहा है लगातार चलने से इसका रखरखाव ठीक से नहीं करने के कारण जरुरतमंदों को बराबर सेवा नहीं दे पा रहा है।