पंचायत सचिवों की हड़ताल से कई सरपंचों का प्रभार लेने का मामला अटका, पाटन ब्लॉक के सभी पंचायत सचिव अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे,

पाटन । ब्लाक के समस्त पंचायत सचिव अनिश्चित कालीन आंदोलन पर चले गए है।

मोदी की गारंटी “शासकीयकरण” अमल में नही लाने के कारण प्रदेश के पँचायत सचिव आंदोलन के लिए मजबूर – महेन्द्र कुमार साहू

छत्तीसगढ़ प्रदेश पँचायत सचिव संघ के आह्वान पर जनपद पंचायत पाटन के समस्त पँचायत सचिव आंदोलन स्थल शिव मंदिर के सामने आज दिनांक 18/03/2025 से अनिश्चित कालीन आंदोलन पर है।

पँचायत सचिवो की मांग शासकीयकरण भारतीय जनता पार्टी के जन घोषणा पत्र में शामिल है व घोषणा के अनुरूप विधान सभा सत्र के बजट में शामिल नही करने के कारण क्षुब्ध व आक्रोशित है।

विदित हो कि पँचायत सचिवो की शासकीयकरण की मांग भाजपा के जन घोषणा पत्र व मोदी जी गारंटी में शामिल है जिसे 100 दिन के भीतर मांग के अनुरूप शासकीयकरण का आश्वासन दिया गया था उक्त मांग को पूर्ण कराने के लिए पँचायत सचिव पदस्थापना दिवस 07 जुलाई 2024 को इनडोर स्टेडियम रायपुर में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया तथा शासकीयकरण की आस में ग्यारह हजार से अधिक पँचायत सचिव सह परिवार उपस्थित हुए उक्त कार्यक्रम हमारे प्रदेश के मुखिया माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी, माननीय विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह जी, माननीय उपमुख्यमंत्री और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री विजय शर्मा जी, माननीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े जी, भाजपा घोषणा पत्र समिति के संयोजक व माननीय सांसद दुर्ग श्री विजय बघेल जी सहित अतिथियों की उपस्थिति में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा पँचायत सचिवों के शासकीय करण के लिए समिति गठित करके एक माह में मोदी जी की गारंटी में शामिल शासकीयकरण सौगात को पँचायत सचिवो के मांग के अनुरूप पूर्ण करने का भरोषा दिलाया था परंतु मांग पूर्ण नही होने के कारण प्रदेश अध्यक्ष उपेन्द्र पैकरा के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी से सौजन्य मुलाकात करके मांग पूर्ण कराने के लिए अनुरोध किया गया जिसपर माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा आगामी मार्च 2025 के बजट में लाकर पँचायत सचिवों को शासकीयकरण की सौगात देने का भरोसा दिलाया गया था जिसके कारण प्रदेश पँचायत सचिव संघ द्वारा प्रस्तावित रैली एवं धरना प्रदर्शन 27 दिसम्बर 2025 को स्थगित किया गया था परंतु पँचायत सचिवों की मांग बजट में भी शामिल नही होने व शासकीयकरण के लिए शासन प्रशासन द्वारा लगातार पँचायत सचिवो के साथ छलावा करने के कारण आक्रोशित व छुब्ध होकर चरणबद्ध तरीके से अनिश्चित कालीन आंदोलन पर चले गए है