पाठकों की पाती में नवरात्रि के प्रथम दिन दुर्गा पूजा विशेष कविता रोमशंकर यादव की कलम से

जय माता महिषासुर मर्दिनी

करो आसुरी प्रवृत्ति का संहार

न रहे किसी के मन में क्लेष

भरो सबके हृदय सद्‌विचार

जब अन्याय का बढ़ता बोझ

हर ओर से उठती है चीख

तब माँ तू ही बनी सहारा

हर बार तब लिया अवतार

जय माता महिषासुर मर्दिनी

करो आसुरी प्रवृत्ति का संहार

न रहे किसी के मन कोई भय

जग में हर कोई रहे निर्भय

माँ आज ऐसा काम कर दो

सुख शांति भरा हो संसार

जय माता महिषासुर मर्दिनी

करो आसुरी प्रवृत्ति का संहार

न रहे किसी के मन में क्लेष

भरो सबके हृदय सद्‌विचार

संसार से आसुरी प्रवृत्ति के विनाश के साथ हर तरफ सुख शांति का वास हो इन्हीं शुभकामनाओं के साथ आपको नवरात्रि पर्व की हार्दिक बधाई

जय माता दी, जय माता दी

? रोमशंकर यादव?