अंडा। शिक्षक कला व साहित्य अकादमी छत्तीसगढ़ के तत्वावधान में कला व संस्कृति के संर्वधन हेतु विलुप्त हो रहे छत्तीसगढ़ी गीतों को पुनः स्मरण करने व पहचान दिलाने छत्तीसगढ़ी भूले बिसरे गीत “मया पिरीत” का आयोजन संयोजक डाॅ.शिवनारायण देवांगन आस ने संयोजन व कार्यक्रम प्रभारी विजय कुमार प्रधान के उपस्थिति में हुआ ।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डाॅ.अंकुश देवांगन शिल्पकार व चित्रकार तथा सदस्य ललित कला अकादमी दिल्ली व अध्यक्षता प्रमोद कुमार आदित्य प्राचार्य सिवनी चांपा जांजगीर व सलाहकार शिकसा ने किया ।

कार्यक्रम का शुभारम्भ सरस्वती वंदना- कांती यादव व राजगीत रागिनी साहू ने प्रस्तुत कर किया।
सर्वप्रथम संयोजक डाॅ. शिवनारायण देवांगन “आस”, प्रातांध्यक्ष कौशलेन्द्र पटेल,कोषाध्यक्ष बोधीराम साहू,कार्यक्रम प्रभारी विजय कुमार प्रधान व नमिता गोपाल ने अपना विचार प्रगट किया । मुख्य अतिथि डॉ अंकुश देवांगन ने कहा कि शिकसा शिक्षक व छात्रों का कर रहे हैं सर्वागीण विकास इसके लिये बधाई दिया । कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रमोद कुमार आदित्य ने कहा कि हमेशा सबका ध्यान रखते हुए कार्यक्रम कर रहे जिसका सबको लाभ मिल रहा है। कार्यक्रम में शिवकुमार निर्मलकर,दिनेश दुबे, रजनी साहू, बुधनी अजय, गीता उपाध्याय, ज्योति गजपाल, लोकेश कुमार रावटे, देवनारायण राज, राम कुमार पटेल, लक्ष्मी बघेल , संयोगिता रात्रे, रुक्मिणी सिंह राजपूत"मणी", शिवकुमार अंगारे ,राम लाल कोशले ,अश्विनी कुमार उइके, युवरानी वर्मा,पुष्पांजलि ठाकुर,मोहित कुमार शर्मा,नमिता गोपाल आदि ने गीत प्रस्तुत किया । कार्यक्रम का संचालन उषा भट्ट व आभार प्रदर्शन डाॅ.शिवनारायण देवांगन "आस" ने किया।