राजकुमार सिंह ठाकुर
पंडरिया । विगत दो वर्ष से कोरोना के चलते स्कूल बंद थी,जिसके चलते बच्चों की शिक्षा पर बुरा प्रभाव पड़ा था।किंतु अगस्त माह से आवश्यक शर्तों के साथ विद्यालय खोल दिया गया है।किंतु शिक्षकों के ड्यूटी के चलते इस सत्र भी पढ़ाई कार्य चौपट है।शिक्षकों के ड्यूटी लगातार वेक्सिनेशन के लिए लगाई जा रही है।जिसके कारण शिक्षक अध्यापन कार्य से दूर हो गए हैं।कुछ स्कूलों में तो वेक्सीन सेंटर होता है।वेक्सीन ड्यूटी के अलावा कई बैठक व शासकीय ऑनलाइन कार्य भी बच्चों के पढ़ाई में बाधा बन रही है।

पिछले कुछ दिनों से 100 से 150 स्कूल प्रभावित- पिछले कुछ दिनों से टीकाकरण का विशेष अभियान चल रहा है।जिसमें सभी शिक्षकों की ड्यूटी लगी हुई है।इस अभियान के तहत 100 टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं,तथा कुछ विद्यालयों में टिकाकरण केंद्र बने हुए हैं।जिसके कारण 100 से 150 विद्यालय में प्रतिदिन पढ़ाई नहीं हो रही है।
स्वीपर सम्हाल रहे विद्यालय- अनेक प्राथमिक शाला एक शिक्षकीय व दो शिक्षकों के भरोसे संचालित है।जनका ड्यूटी टीकाकरण व कैंसर कार्यशाला में लगाया गया है।जिसके कारण आधे शिक्षकों को कैंसर कार्यशाला व आधे को टीकाकरण के लिए भेजा जा रहा है।शिक्षकों की ड्यूटी के चलते स्वीपर विद्यालय संचालित कर रहे हैं।स्कूल लगभग बंद सा है तथा औपचारिकता मात्र स्कूल खुल रहे हैं।
घर जाकर लगा रहे टिका,हो रही बहस- ब्लाक के ग्रामीण क्षेत्रों सहित सभी जगह बुधवार से घर -घर जाकर टीकाकरण करने का कार्य चल रहा है।जिसके चलते कर्मचारियों की टीम घर-घर दस्तक दे रहे हैं।वहीं टीम के साथ बहस भी हो रही है।बुधवार को ब्लाक के बुचिपारा में टीकाकरण दल से ग्रामीणों की तिखी नोकझोक हुई।ग्रामीण ने दल से टिका के साइड इफेक्ट होने पर टीम को जिम्मेदारी लेने की मांग की तथा कुछ भी होने पर जिम्मेदार होने की बात कहते हुए।मोबाइल नंबर व जानकारी ली।बुचिपरा में वाद-विवाद काफी हद तक बढ़ गया था।टीकाकरण के लिये अब वही लोग बच गए हैं।जो टीकाकरण नहीं कराना चाहते हैं या बीमार हैं।ये लोग टीम के साथ वाद-विवाद कर रहे हैं।जिससे कर्मचारी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
शिक्षकों को ड्यूटी से मुक्त करना चाहिए- टिकाकरण अभियान से वर्तमान में शिक्षकों को अब मुक्त कर देना चाहिए।क्योंकि अब अधिकतर लोगों का टिकाकरण हो चुका है।हर गांव में मितानिन,आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पंचायत सचिव ,दो स्वास्थ्य कार्यकर्ता व दो शिक्षकों सहित 8 से 9 लोगों की ड्यूटी लगाई जा रही है।जबकि टिकाकरण के लिए अब केवल चार लोगों की आवश्यकता है।शिक्षकों की ड्यूटी नहीं लगाने के बाद भी 6 कर्मचारी कार्य सकते हैं।
“विशेष टीकाकरण अभियान से कुछ एकल शिक्षकीय विद्यालयों में परेशानी हुई है।जिसकी व्यवस्था की गई है।विशेष टिकाकरण सप्ताह के बाद स्थिति सुधर जाएगी।
जीपी बनर्जी,बीईओ पंडरिया।