कुरूद । यह कहानी ईश्वर साहू की है जिसने यह सिद्ध कर दिया कि जनकारी अगर अच्छी और समय पर मिले तो वह मिट्टी से भी सोना उगला सकता है, जिला धमतरी के कुरूद ब्लॉक के अन्तर्गत ग्राम भेंडरा के एक कृषक आपदा काल मे भी रिलायंस फाउंडेशन के माध्यम से कृषि की जानकरी का उपयोग करते हुए कड़ी मेहनत से लोगो को बतला दिया |
कहा जाता है कि धमतरी जिला खेती किसानी कार्यो अर्थात गर्मी के दिनों में भी फसल के लिए बहुत विख्यात है क्योकि छत्तीसगढ़ की गंगा कहे जाने वाली महानदी किसानों की किस्मत बनाते हुए यहाँ से निकलती है लेकिन कोरोना काल के चलते कृषि कार्य करने वाले कृषकों की कमर टूट गई ऐसे मे रिलायंस फाउंडेशन की पहल पिछले दो वर्षो से ग्राम भेंडरा तथा आसपास के ग्रामो मे अपना तकनीकी सहायता के माध्यम से अपना कृषि सम्बन्धी जनकारी दे रहे है तभी तो इस तकनीकी जानकरी का फायदा उठाते हुए मिट्टी से सोना के बनाने अर्थात् फसल उत्पादन मे वृद्धि करने वाले कृषक श्री ईश्वर साहू ने पूर्ण रूप से कृषि विभाग, इंदिरा गांधी कृषि विश्व विद्यालय, रायपुर तथा कृषि विज्ञान केंद्र धमतरी के वैज्ञानिको से रिलायंस फाउंडेशन ने एक जानकरी की जंजीर की तरह माध्यम बना |
ईश्वर साहू ने बताया कि वह पहले वह परम्परा रूप से खेती करता आ रहा था पर पिछले कुछ वर्षो से वह जानकरी के आभाव मे खेती अच्छी तरह से नही कर पा रहा था इस कारण वह गर्मी के दिनों मे वह शहर पलायन कर अपने परिवार का पालन पोषण करता था शिक्षा भी 8 वी तक होने के कारण उसे अच्छी नोकरी भी नही मिल पाती थी |
उसके उपर अपने परिवार के 7 सदस्यों का जिम्मीदारी जिसमे स्वम ईश्वर साहू उनकी पत्नी और उनके माता पिता और 1 पुत्र 2 पुत्री है जो की विवाह योग्य हो चुकी है अभी उनके परिवारीक खर्च किसानी और रोजी मजदूरी के माध्यम से चलता था |
वह अब परम्परागत खेती को त्याग कर आधुनिक तरीके से खेती की राह की तलाश मे था ऐसे मे ईश्वर साहू को रिलायंस फाउंडशन के कार्यक्रम सहायक के सम्पर्क मे आया फिर क्या उसे जिस राह की तलाश थी वह दिखानी लगी |
ईश्वर साहू ने बताया कि वह एक दिन रिलायंस फाउंडेशन के कार्यकर्ता द्वारा 26.5.2020 ऑडियो कॉन्फ्रेंस की जनकारी मिली उस समय कोरोना काल का लॉक डाउन पुरे देश मे लगा था जिसमे वह समिलित हुआ, उस ऑडियो कंफ्रेंस मे ईश्वर साहू जी ने मिट्टी के गुणों, मिट्टी जाॅच तथा खेती के तरीके, बिमारी, किटो आदि विषय मे हमारे कृषि विभाग के विशेषज्ञ श्रीमान उगेंद्र पांडे जी से सवाल किये फिर उसके सवालों पर जवाब देते हुए मिट्टी के गुणों, मिट्टी परीक्षण की जनकारी देते हुए माहू के लिए एमिडक्लोरोपिड एवम थैलोरोपेड प्रयोग करने को कहा तथा धान की अच्छी पैदावरी के लिए शुरू से गृष्म कालीन जुताई आदि विषयों के बारे मे पूर्ण जनकारी दी |उसके बाद वह रिलायंस फाउंडेशन की सेवा से प्रभावित हुये उसके बाद श्री ईश्वर समय समय पर रिलायंस फाउंडेशन के विभिन्न कार्यक्रम मे समिलित होने लगे तथा कुछ टोल फ्री के माध्यम से जनकारी लेता गया |
उसके बाद ईश्वर साहू ने समय समय मे धान फसल की जानकारी कृषि विशेषज्ञों से लेता गया फिर उसने अपने 2.5 एकड़ पर धान का उत्पादन किया | उसने खेती की जानकरी प्राप्त करके 2.5 एकड़ जमीन पर 56 क्विंटल धान पैदावार की जिसे उसने 2200 रुपये क्विंटल की दर से बेच कर 1,23,200 रुपये की प्राप्ति हुई जिसे उसने अपने आर्थिक स्थिति में सुधार की है
उस 1,23,200 रूपए मे से लागत की राशि जो 40,000 रुपये काटने के बाद बची हुए राशि को अगले फसल के लिए तथा अपनी बेटी की शादी के लिए बैंक मे 50,000 जमा कर दिया है और इसी तरह खेती कर शादी के लिए पैसा एकत्रित करेगा |
वह अपने जीवन तथा परिवार के आर्थिक स्थिति में वृद्धि होने का पूर्ण रूप से श्रेय रिलायंस फाउंडेशन तथा कृषि विभाग को देते हुए आभार प्रकट करते हुए धन्यवाद दिया और भविष्य मे इस तकनीक से जुड़े रहने तथा लाभ लेता रहुंगा कहा।