मोर गांव मोर पानी बचाने किया के लिए  जाएगा जतन, 2 जून 4 तक चलेगा चरणबद्ध प्रशिक्षण


पाटन। मोर गांव मोर पानी महाभियान का क्लस्टरवार प्रशिक्षण शुरू
जिला दुर्ग से नाम दिया ‘‘एकेच गोठ एकेच बानी बँद -बूँद बचाबो पानी
जनपद पंचायत धमधा अध्यक्ष  लीमन साहू जी, श्रीमती मंजू पाटिल जनपद सदस्य नंदनी खुदनी प्रतिनिधि कीर्ति नायक जनपद पंचायत अध्यक्ष पाटन व मैदानी टीम के साथ मिल कर जल संरक्षण की दी जा रही जानकारी
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा प्रदेशभर में शुरू किए गए मोर गांव मोर पानी जल संरक्षण महाभियान का कोरिया जिले में चरणबद्ध क्रियान्वयन जारी है। इसी कड़ी में जिले की दोनों जनपद पंचायतों दुर्ग व धमधा में क्लस्टरवार प्रशिक्षण सत्रों की शुरुआत हुई। यह प्रशिक्षण आगामी 2 जून से 4 जून तक चलेगा, जिसमें ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों और मैदानी अमले को जल संरक्षण की बारीकियों से अवगत कराया जा रहा है।
क्लस्टर में प्रशिक्षण सत्र संपन्न दुर्ग, धमधा एवं पाटन जनपद पंचायत के सभागार में आयोजित प्रशिक्षण में श्रीमान लीमन साहू जी जनपद अध्यक्ष श्रीमती मंजू पाटिल जनपद सदस्य नंदनी खुदनी उपस्थित रही, भू-जल सरंक्षण एवं संवर्धन हेतु जन भागीदारी  के साथ योजनाबद्ध कार्यवाही हेतु कहा गया । प्रशिक्षण के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल कृषि निस्तारी एवं अन्य उपयोग हेतु पानी की उपलब्धता धीरे-धीरे कम होते जा रही है। जल स्तर में कमी आ रही है। यह एक गंभीर समस्या का रूप लेने से पहले हमें जल सतर को सुधारने तथा पानी की उपलब्धता महिला संगठनों ग्राम पंचायत के अमलों बँूद-बूँद पानी बचाने के विषय में गहन चर्चा किया गया ।
क्लस्टर के सभी सरपंच, पंच, ग्राम सचिव, रोजगार सहायक व बिहान से जुड़ी महिलाओं ने भाग लिया। कार्यक्रम की मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत की अध्यक्षता ने की। महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत अनुमेय प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन संबंधित कार्यों जैसे लूज बोल्डर चेक डैम, गेबियन स्ट्रक्चर, कंटूर ट्रेन्च, नवीन तालाब/अमृत सरोवर निर्माण, परकोलेशन टैंक, वृक्षारोपण इत्यादि को ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण एवं जल संवर्धन कहा गया हैण्डपंपों के पास रिचार्ज पिट्स का निर्माण डिफंक्ट बोरवेल्स में पर्फाेरेटेड केशिंग के माध्यम से सैण्ड फिल्टर द्वारा भूजल होने से बोरवेल में पानी की उपलब्धता की जानकारी दी गई पानी व्यर्थ नहीं बहने दिया जावे। शासकीय भवनों जैसे आंगनबाड़ी भवनों, पंचायत भवनों, विद्यालयों की छतों से रेनवाटर हार्वेस्टिंग कराया जावे। ग्रामीणजनों को भी अपने प्रधानमंत्री आवासों की छतों से रेनवाटर हार्वेस्टिंग हेतु आवश्यक व्यवस्था किये जाने के लिये स्वप्रेरणा से  किया जाने हेतु कहा गया महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से नए तालाबों का निर्माण, पुराने तालाबों का गहरीकरण, नदी नालों का पुनरुद्धार अंतर्गत गाद सफाई कार्य, अमृत सरोवर निर्माण, डबरी निर्माण जैसे प्रमुख कार्य ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहे है। वर्षा का जल एकत्र करने के लिए महात्मा गांधी नरेगा के तहत जल जीवन मिशन अंतर्गत रनिंग वाटर क्षेत्र में सोक पिट निर्माण स्वीकृत किया गया जनपद पंचायत दुर्ग में 100 जनपद पंचायत धमधा में 126 एवं जनपद पंचायत पाटन 74 निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया है। वही रिचार्ज पिट निर्माण जनपद पंचायत दुर्ग 59, जनपद पंचायत धमधा 118 एवं जनपद पंचायत पाटन 88 इन कार्यों से जल संरक्षण के लिए परिसंपत्तियों का निर्माण हो रहा है। ग्रामीणों को बड़ी मात्रा में रोजगार मिल रहा है। मोर गांव मोर पानी महा अभियान का बने निभाए अपनी हिस्सा, सामाजिक जिम्मेदारी।
इस अभियान की सफलता का परिचायक है। प्रशिक्षण में ग्राम पंचायतों के सरपंच, पंच, सचिव, रोजगार सहायक, राष्ट्रीय आजीविका मिशन (बिहान) के ब्लाक प्रोग्राम मैनेजर, तकनीकी सहायक तथा महिला स्व-सहायता समूहों की सदस्य भी बड़ी संख्या में शामिल हुईं। सभी सहभागियों को यह संकल्प दिलाया गया कि वे अपने अपने ग्रामों में जल संरक्षण को सामूहिक जिम्मेदारी और आंदोलन का रूप देंगे। ‘‘एकेच गोठ एकेच बानी बँद -बूँद बचाबो पानी‘‘ क्लस्टर की जनपद पंचायत धमधा में दो पाली में 30 पंचायतों के प्रतिनिधियों को जनपद पंचायत सीईओ की उपस्थिति में प्रशिक्षण दिया गया। पावर पाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से दी गई जानकारी प्रशिक्षण में मोर गांव मोर पानी अभियान की संकल्पना, उद्देश्यों और क्रियान्वयन की विस्तृत जानकारी पीपीटी के माध्यम से दी गई।
जनपद पंचायत दुर्ग, धमधा एवं पाटन के मास्टर ट्रेनरो ने प्रशिक्षण का संचालन किया । उल्लेखनीय है कि ये सभी मास्टर ट्रेनर राज्य स्तर से तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि अभियान का क्रियान्वयन विज्ञान सम्मत और स्थानीय अनुकूलता के साथ हो ।