जशपुर। हाथियों के उत्पात से जिले के विभिन्न इलाकों में ग्रामीण पूरे साल परेशान रहे। हाथियों से हुए नुकसान की बात करें तो वन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जनवरी से लेकर अब तक हाथियों ने 8 लोगों की जान ली है। खेत में हाथियों के चलने की वजह से 607 किसानों की फसल बर्बाद हुई है। फसल हानि मुआवजा के तौर पर ₹32 लाख 68 हजार रुपए वन विभाग ने बांटे है।
वन परिक्षेत्र के झारखंड बॉर्डर लोदाम में हाथियों का बड़ा दल घूम रहा है। इस वजह से ग्रामीणों की रात की नींद उड़ी हुई है। हाथियों के मूवमेंट के आधार पर दोनों इलाकों में वन विभाग ने 12 से अधिक गांव को अलर्ट पर रखा है।विभाग का दावा है कि दोनों दल पर वन विभाग की सतत निगरानी बनी हुई है।
जिले में इस वर्ष हाथियों के मूवमेंट की बात करें तो हाथियों के बड़े दल ने इस वर्ष जिले के जंगल में अधिक समय बिताया है। ओडिशा से पहुंचे 22 हाथियों के दल ने तब करावन परी क्षेत्र में करीब 3 माह तक डेरा जमाए रखा था। इन हाथियों की मौजूदगी तपकरा वन परिक्षेत्र में भारी नुकसान पहुंचा था। हाथियों का यह दल पूरे बरसात सीजन में सब करावन पर क्षेत्र में डेरा जमाए रखा। धान रोपाई के सीजन में तपकरा क्षेत्र के ग्रामीण काफी परेशान रहे।
लोदाम क्षेत्र में करीब 17 हाथियों का दल झारखंड से पहुंचा है। इसे लेकर लोदाम, साईं टांगर टोली, झरगांव, पतराटोली, रूपसेरा, भढ़िया सहित अन्य गांव को अलर्ट पर रखा गया है। ग्राम जामटोली के झोटाटोली बस्ती में हाथियों के इस दल ने एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का मकान पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया है। ग्रामीण सर्द रातों में गश्त कर रहे हैं।
क्रिसमस त्योहार को लेकर गांव-गांव में रात में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। जिसमें ग्रामीण एकजुट होकर प्रभु यीशु के आगमन का संदेश सुन रहे हैं और कैरोल गीत पर थिरक रहे हैं। इधर क्रिसमस त्योहार में रात को भीड़ जुट रही है। ऐसे में विभाग ने इन सभी गतिविधियों पर रोक लगा दी है।
वर्ष 2022 में हाथियों की गतिविधि लोगों की जुबान पर रही। अक्टूबर के महीने में तपकरा वन क्षेत्र में 10 दिन का एक शावक नदी में बह कर बस्ती घुस गया था। 30 नवंबर को कांसाबेल वन परिक्षेत्र में 42 हाथियों के दल में से एक हाथी की करंट के चपेट में आकर मौत हो गई थी। घायल नन्हा हाथी दम तोड़ दिया था।

- December 25, 2022