पंडरिया । ब्लाक के वन विकास निगम के कक्ष क्रमांक 497 व 498 (बदौरा मार्ग,गरागरा) में 2005 से काबिज मानकर 82 हेक्टेयर (200 एकड़)से अधिक वनभूमि पर वन शासन द्वारा पट्टा वितरण किया गया था।जिसमें आज हजारों हेक्टेयर पर खेत तैयार हो चुके हैं।प्रतिदिन वनों को काटकर खेत का रकबा बढ़ाया जा रहा है।वन विकास निगम के कर्मचारियों को भी यह पता नहीं है कि किस जमीन का पट्टा मिला है। 82 हेक्टेयर पट्टा दिया गया है,किन्तु इस 82 हेक्टेयर का अतिक्रमण अब हजारों एकड़ वन भूमि पर फैल चुका है।रोज नए खेत बनाये जा रहे हैं।वन विकास निगम के कर्मचारी इस ओर कभी ध्यान नहीं देते हैं।बताया जाता है कि पट्टा वितरण के पूर्व वन विभाग से जनाकारी भी नहीं ली गई थी।राजस्व विभाग द्वारा बिना सहमति के पट्टा वितरण कर दिया गया था।
सीमांकन व जांच की जरूरत-शासन को गरागरा में बांटे गए पट्टे की जांच करनी चाहिए।क्योंकि विभाग को भी यह पता नहीं है कि किस जमीन पर पट्टा दिया गया है।जिससे अतिक्रमण को खाली कराया जा सके।इसका फायदा उठाकर अतिक्रमणकारी प्रतिदिन जंगल की कटाई कर खेत बना रहे हैं।दिए गए पट्टे के अनुसार जमीन का सीमांकन कर अतिक्रमण किये गए वन भूमि को खाली कराया जाना चाहिए।सीमांकन होने से सैकङो हेक्टेयर वन भूमि को खाली कराया जा सकता है।इसी तरह यहां अनेक अपात्र लोगों को पट्टा दिए जाने की जनाकारी है।जिनके पास पहले से पर्याप्त जमीन है,उन्हें पट्टा दिया गया है।
अपर्याप्त कर्मचारी– वन विकास निगम क्षेत्र में प्रतिदिन 100 से 150 पेड़ों की कटाई हो रही है,वहीं कर्मचारी की संख्या भी अपर्याप्त है।शासन ने 2016 में 7517 हेक्टेयर वनों को सामान्य वन से हटाकर निगम को सौप दी थी।जिसमें पंडरिया पूर्व के 5746.620 हेक्टेयर व पंडरिया पश्चिम के 1571.080 हेक्टेयर वन शामिल हैं।कक्षों के अनुसार पंडरिया पूर्व के 23 कक्ष व पश्चिम के 9 कक्षों को निगम को सौपा गया था।जिसकी सुरक्षा के लिए महज 4 -5 कर्मचारी तैनात किए हैं।जिनके द्वारा वनों की सुरक्षा संभव नहीं है।
कार्यवाही के नाम पर केवल एक बोर्ड– प्रतिदिन सैकङो पेड़ो की कटाई तथा अतिक्रमण होते वन विकास निगम के कर्मचारी देख रहे हैं। लेकिन कोई कार्यवाही नहीं किया जाता है।बताया जाता है राजनैतिक संरक्षण के चलते कार्यवाही नहीं कि जाती है।वन विकास निगम ने कार्यवाही के नाम पर केवल एक बोर्ड लगाये हैं,जिसमें लकड़ी काटना दंडनीय अपराध है लिखा गया है।