दुर्ग, 07 मई 2025/ आम नागरिकों की सुविधा और सड़क सुरक्षा में सुधार के उद्देश्य से जिला अस्पताल दुर्ग में एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस परियोजना (आईआरएडी) के अंतर्गत एक विशेष रिपोर्टिंग काउंटर की स्थापना की गई है। यह पहल राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) दुर्ग के सुझाव पर की गई है। इस विशेष काउंटर की मदद से सड़क दुर्घटनाओं की सूचना त्वरित और सही तरीके से दर्ज की जा सकेगी, ताकि उसे आईआरएडी पोर्टल में समय रहते प्रविष्ट किया जा सके। यह पहल सड़क दुर्घटनाओं के प्रभावी प्रबंधन और रोकथाम की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
क्या है आईआरएडी परियोजना

एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस परियोजना(आईआरएडी), भारत सरकार की एक डिजिटल पहल है, जिसका उद्देश्य सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देना है।
इस परियोजना के तहत
पुलिस कर्मी मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से दुर्घटना की सूचना फोटो और वीडियो सहित दर्ज कर सकते हैं। हर घटना के लिए एक विशिष्ट आईडी जारी की जाती है। लोक निर्माण विभाग या स्थानीय निकाय के इंजीनियर को उसी क्षण अलर्ट मिलता है, जिससे वे मौके पर जाकर जांच कर सकते हैं। सड़क की बनावट और अन्य तकनीकी विवरण दर्ज किए जाते हैं, जो आगे डेटा विश्लेषण और सुधार कार्यों में सहायक होते हैं।
आईआरएडी से नागरिकों को होने वाले तात्कालिक लाभ
एम्बुलेंस और पुलिस समय पर पहुंचती है, जिससे गंभीर घायलों की जान बच सकती है। आम नागरिक मोबाइल ऐप के ज़रिए सीधे दुर्घटना की सूचना दे सकते हैं। हादसे से संबंधित सटीक जानकारी बीमा दावों व कानूनी कार्यों में मददगार होती है। दुर्घटना संभावित स्थलों की पहचान कर नागरिकों को सचेत किया जाता है, जिससे आगे दुर्घटनाएं टल सकती हैं।
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