संजय साहू
अंडा। ग्राम मोहदींपाट बाबा धाम में चल रहे श्री भागवत कथा में बता रहे हैं , कि त्रैलोक्य अधिपति होकर भी राजा बलि ने विनम्रता को धारण कर वामन रूप प्रभु का चरण वन्दन कर विजय को प्राप्त कर लिया, इसलिए जीवन मे विनम्र बने, विनम्रता मानव जीवन का आभूषण है। जैसे फलदार वृक्षों की डालियां झुकी रहती है वैसे ही ज्ञानी पुरूष की वास्तविक पहचान उसके विनम्र व्यवहार से प्राप्त होता है, जो जितना ही विद्वान होगा वह उतना ही विनम्र और सरल होगा क्योंकि विद्या विनय प्रदान करती है और याद रखे सहजता में ही भगवान की प्राप्ति हो सकती है असहजता में नही।
श्रीमद्भागवत कथा में गजेन्द्र मोक्ष सागर मंथन और वामन अवतार कथा पर आध्यात्मिक भावाभिव्यक्ति करते हुए प्रवचनकर्ता छत्तीसगढ़ के यशस्वी सद्गुरु संत श्री निरंजन महाराज जी श्री भागवत आश्रम लिमतरा ने कहा। संत श्री जी ने आगे कहा मानव जीवन का सबसे बड़ा जहर कटु वचन है इस जहर को त्याग कर सभी के लिए मीठे वचनों का प्रयोग करे । शस्त्र का घाव दवाई लगाकर ठीक किया जा सकता है लेकिन वाणी का घाव जीवन भर मिटने वाला नही है इसलिए कुछ भी किसी को बोलने से पहले सोच ले कि ये शब्द सुनने वाले के लिए उपयुक्त है कि नही। शास्त्रों में वाणी के पंच आभूषण बताया गया है, सत्य बोलना, हितकारी बोलना, विवाद रहित बोलना, मीठा बोलना,अल्प बोलना ये पंच आभूषण वाणी के है इसे हर जीव को धारण करना है तभी जीवन का द्वंद समाप्त होगा।
संत श्री ने सागर मंथन की कथा पर भाव वर्णन करते हुए कहे कि जीवन का मंथन करना है, मन को मन्दराचल पर्वत, संसार सागर है विचारों से मंथन हो,मन रूपी पर्वत को डूबने से बचाने हेतु कूर्म रूप भगवान का ध्यान करे। जीवन मे जब तक ध्यान नही है तब तक मंथन सम्भव नही है। सत्कर्म प्रदर्शित करने की नही अपितु छिपाने की है अपने अंदर के दुर्गुणों का बखान करे सद्गुणों का नही।
जीवन के समस्त विकारों को दूर करने के लिए भागवत की कथा श्रवण आवश्यक है जीवन को परिलक्षित कराती है भागवत कथा की अमृत मय वाणी। मानव का जीवन प्रभु प्रदत्त एक व्यवस्था है निर्माण हमारा कर्तव्य है।प्रतिदिन सल्दालु जनों की संख्या बढ़ती जा रही है । आज दिनांक 08.01.2024, दिन-सोमवार श्री कृष्ण जन्म जन्म महोत्सव, पूतना वध, बाल लीला, माखन चोरी दिनांक 09.01.2024, दिन-मंगलवार वृन्दावन लीला मथुरागमन कंसवध, श्री रुखमणी मंगल कथा वर्णन दिनांक 10.01.2024, दिन-बुधवार श्री सुदामा चरित्र द्वारिका तीला भाव, यदुवंश छ्य परीक्षित मोक्ष पश्चात भगवान श्री विग्रह में तुलसी दल अर्पण, (चढौत्री कार्यक्रम) दिनांक 11.01.2024, दिन-गुरुवार श्री गीतासार प्रवचन हवनपूर्णाहुति कपिलातर्पण, सहस्त्रधारा स्वान होगा। यह जानकारी लखन लाल देवांगन और सरपंच सुशीला देवांगन, जयंत्री देवी देवांगन , गीता देवी देवांगन ,सुरेश-पुष्पा देवांगन, शशीकांत-वंदना देवांगन ,नरेश-दिव्या देवांगन सहित हजारों की संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित थे।