परीक्षा में असफलता, सफलता के लिए पुनः अवसर प्रदान करता है और द्वार खोलता है: हायर सेकेण्डरी कोड़ापुरी में पालक शिक्षक बैठक सम्पन्न


पंडरिया-ब्लॉक के शास.उच्च.माध्य.विद्या.कोड़ापुरी में प्राचार्य बसन्त डोरे की अध्यक्षता में पालक शिक्षक बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें बहुत से पालकगण, शिक्षकगण व 2024 की बोर्ड परीक्षा में शामिल बच्चें उपस्थित रहे । बैठक के दौरान प्राचार्य बसन्त डोरे ने बताया कि स्कूल कि परीक्षा एक विषय मात्र की परीक्षा होती है,वह जीवन की परीक्षा नहीं।इसलिए इस परीक्षा परिणाम को ही सब कुछ नहीं मान लेना चाहिए । इस कागजी परीक्षा परिणाम के अलावा हमें जीवन के उन तमाम क्षेत्रों में भी परीक्षा दिलानी होगी।

अतः हमें पुस्तकीय परिणाम की परवाह किए बिना सभी परीक्षा के लिए कमर कस कर आगे बढ़ना चाहिए। क्यों न हमें असफलता ही क्यों न मिले। वरिष्ठ व्याख्याता वीरेन्द्र चंद्राकर ने बताया कि जो बच्चे असफल हो जाते है और निराश हो जाते हैं।उनके संदर्भ में बताया कि”असफलता ही सफलता की सीढ़ी होती है।”इसलिए कभी भी असफलता पर निराश व हताश नहीं होना चाहिए।अपितु हमे इससे सीख लेना चाहिए व अपनी कमजोरी को पहचानकर उसे दूर करना चाहिए।

सतत अभ्यास व प्रयासरत रहना चाहिए। मनराखन दास बर्मन ने पालकों से आग्रह किया कि वे केवल बच्चों की पुस्तकीय ज्ञान के आधार पर बच्चों की आकलन न कररें बल्कि उनके अंदर छिपी प्रतिभा को परखे और उसे निखारने में मदद करें। अंत में शिक्षकों के द्वारा पालकों को संबोधित करते हुए कहा कि वे अपने बच्चों की तुलना अन्य बच्चों से न करें। क्योंकि सभी बच्चों की सोचने समझने की क्षमता अलग अलग होती है। तुलना करने पर नकारात्मकता का शिकार हो जाता है तथा कई बार गलत कदम उठा लेता है।इसलिए पालक का बच्चों के साथ सपोर्टिव व्यवहार होना चाहिए।