आशीष दास
कोंडागांव/बोरगांव । फरसगांव विकासखंड के आलोर झाटीबन में स्थित वर्ष में एक बार खुलने वाली प्रसिद्ध माता लिंगेश्वरी गुफा का द्वार आज दर्शनार्थियों के लिए खोला गया। लिंगेश्वरी माता के दर्शन करने एक दिन पहले ही लोग पहुँच चुके थे देखते ही देखते हजारो की हजारो की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी । इस वर्ष 40 हजार से अधिक लोगो ने दर्शन करने का अनुमान लगाया जा रहा है जिसमें लगभग 8 सौ से अधिक श्रद्धालुओं की पिछले साल की मन्नते भी पूरी हुई। सभी लोग लिंगेश्वरी माई का दर्शन कर मन्नत माँगे ।
विधिविधान पूर्वक खोला गया लिंगेश्वरी गुफा का द्वार-
ग्राम झाटीबन में लिंगेश्वरी माता दरबार का द्वार सुबह 5 बजे मंदिर के पुजारियो द्वारा खोला गया। मंदिर की साफ सफाई के पश्चात ताजे दुध और चम्पा फुल से विधिवत पुजा अर्चना की गई। प्रतिवर्ष की भाँति इस वर्ष जब गुफा का द्वार खोला गया तो वहाँ पर पिछले वर्ष बिछाये हुए रेत में बिल्ली के पैरो के निशान देखे गए। पुजारी, समिति व बुजुर्ग ग्रामीणों के मान्यता के अनुसार बिल्ली के पंजे के निशान का मतलब क्षेत्र में इस वर्ष भय व आतंक के संकेत की भविष्यवाणी की। पुजारियो द्वारा विधिवत पुजा अर्चना के पश्चात क्षेत्र की सुख शांति खुशहाली और भक्त जनो की मन्नत पुरी करने के लिए पुजारियो द्वारा माँ से विनती कर चांदी के बने लिंग को मंदिर के मुख्य द्वार पर स्थापित कर पुजा के बाद भक्त जनो के दर्शन के लिए खोला गया।
संतान की कामना मे आए विवाहित जोड़ो द्वारा प्रसाद के रूप में खीरा (ककड़ी ) चढ़ाया गया और पुजारी द्वारा पुजा कर उसे विवाहित जोड़ो को दिया और उसे नाख़ून से फाड़ कर उसी पहाड़ी पर बैठकर प्रसाद ग्रहण किया गया।
राज्य के बाहर से भी लगा श्रद्धालुओं का तांता_
लिंगेश्वरी माता के दरबार में एक दिन पुर्व से ही भक्तो का जमावड़ा शुरू हो चुका था जिसमे बिहार, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, मध्यप्रदेश, राजस्थान, झारखण्ड सहित छत्तीसगढ़ राज्य के कोने कोने से श्रद्धालु मन्नत मांगने पहुचे थे ।
पिछले वर्ष में जो लोग मन्नत मांगे थे उसमे 800 से अधिक लोगो की मन्नत पूर्ण हुआ है जिसके साथ उन सभी जोडो ने अपने बच्चे के साथ फिर से दर्शन करने पहुचे । लिंगेश्वरी माई के दर्शन करने हजारो की संख्या में भक्तजनो ने तीन किमी से अधिक की कतार मे खडे होकर माँ के दर्शन करते नजर आये।
प्रशासन और पुलिस, मुस्तैदी से व्यावस्था में डटे रहे_
बता दें कि यह क्षेत्र पुर्व में नक्लवादी क्षेत्र माना जाता रहा है इस जरिये से 2 दिन पुर्व ही पुलिस बल की सयुक्त टीम द्वारा निरीक्षण किया गया एक दिन पुर्व आलोर मंदिर परिसर और उसके आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था का इन्तजाम किया गया था। इस बार माता लिंगेश्वरी दरबार में भारी भीड़ होने की संभावना से भगदड़ जैसी स्थिति से बचने के लिए जगह जगह पर बैरिकेट्स लगाकर भक्तो को रोक रोक कर देर रात तक भक्तजनो को दर्शन करवाया गया। इधर यातायात पुलिस द्वारा पार्किंग व्यवस्था व आवागमन व्यावस्थित करते देखा गया।
भक्तजनों के लिए भंडारे का था आयोजन –
मेलास्थल पर भक्तों के लिए भंडारे की व्यवस्था था। जहां हजारों की संख्या में लोग माता का दर्शन कर भंडारे का लुप्थ उठा रहे थे। वहीं प्रति वर्ष की भांति स्थानीय जनप्रतिनिधि प्रदेश कांग्रेस महामंत्री रवि घोष जी के द्वारा सभी दर्शनार्थियों के लिए खिचड़ी प्रसाद देर रात तक वितरण किया गया। वहीं पेयजल तथा भीड़ की व्यवस्था, और सफाई व्यवस्था के लिए स्थानीय समिति के युवा और स्कूल के एनएसएस के स्वयंसेवकों ने कमान संभाली।
लिंगेश्वरी मेले को सफल बनाने के जिला व जनपद स्तर के अधिकारी एक दिन पूर्व से ही डटे रहे। लिंगेश्वरी मंदिर समिति और ग्राम पंचायत झाटीबन, जनपद फरसगांव के अधिकारी कर्मचारी, राजस्व विभाग, स्वास्थ्य विभाग, और समस्त ग्राम वासियो का विशेष योगदान रहा। तद्पश्चात गायता पुजारी द्वारा मंदिर के गर्भ गृह में बराबर रेत बिछाकर और परिसर की साफ सफाई कर मुख्य द्वार को पत्थरो से एक वर्ष के लिए बंद कर दिया गया।