पाटन। कृषक कौशल विकास योजना के तहत दुर्ग जिले के पाटन, धमधा एवं दुर्ग ब्लॉक के करीब 45 कृषक शैक्षणिक भ्रमण पर शुक्रवार को दूसरे दिन भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद केन्द्रीय अन्तःस्थलीय मत्स्य अनुसन्धान संस्थान अलवण जल उत्पाद विज्ञान अनुसन्धान और प्रशिक्षण केन्द्र धौली कौशल्यगंगा जिला भुनेश्वर (उड़ीसा) का भ्रमण किया। इससे पहले संस्था के विभाग प्रमुख सोशल साइंस एव प्रिंसिपल जी एस शाह से मुलाकात किया। इसके बाद उनके निर्देशन में संस्था के गाइड निरंजन नायक ने भ्रमण टीम में शामिल किसान को फील्ड विजित कराया। उनके द्वारा बताया गया की यह संस्था 355 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है।




सबसे पहले टीम वायु स्वाशी मछली बीज उत्पादन केंद्र पहुंचा। उन्होंने संस्था सिफा के बारे में बताता यह भारत का सबसे बड़ा रिसर्च सेंटर है जो की मीठा पानी में मछली पालन का ट्रेनिंग देती है। इसका कोलकत्ता बैंगलोर आंध्र गुजरात कर्नाटक में भी सेंटर है। इसके अलावा यहां पर शिप से मोती निकालकर भी मोती पालन का भी काम किया जाता है। करीब 80 वैज्ञानिक काम कर रहे है। इसके अलावा 150 से अधिक ग्राउंड स्टाफ भी काम कर रहे है। इसके अलावा देशी मछली में केउ का पालन भी किया जाता है। इसके अलावा खारे पानी मीठा पानी का अलग अलग फिल्टर करके पानी का सदुपयोग करके मछली पालन कैसे करने हैं इसकी जानकारी दी। भ्रमण टीम को मछली पालन के लिए तालाब में ले जाकर किस तरह से तकनीकी रूप से मछली पालन करे और पानी को पानी भरे और कौन से समय पानी को कितना खाली करे उसकी जानकारी दी। इसके बाद रंगीन मछली उत्पादन केंद्र में किसानों की विस्तार से जानकारी दी। रंगीन मछली उत्पादन केंद्र में फिसरिस वैज्ञानिक डॉक्टर चंद्रकांत मिश्रा ने मछली का खानपान देखभाल के बारे में बताया। खाने वाले और न खाने वाले मछली में बीज उत्पादन के बारे में जानकारी दिया। उन्होंने बताया की सभी मछली अंडा देती है। इससे से हैचरी में रखकर शिशु जन्म लेती है। वही रंगीन मछली के कुछ प्रजाति अंडा नही देता सीधा बच्चा पैदा देती है। डायरेक्ट बच्चा पैदा करने वाली मछली का पालन सबसे सुलभ है। कलर मछली पालन कर एक छोटा सा जगह में भी प्रति माह पचास हजार से अधिक लाभ अर्जित कर सकते है। आजकल रंगीन मछली को घर में भी रखने का चलन बढ़ रहा है। इस कारण ये लाभ का व्यापार साबित हो रहा है। इसके अलावा कृषक का टीम रंगीन मछली प्रजनन केंद्र का भी अवलोकन किया। भ्रमण टीम में मोहन बघेल, सुनील वर्मा, देवेंद्र वर्मा, बलराम यादव, प्रीतम साहू, हुबलाल, महेश्वर, बेनीराम, पुरेंद्र कुमार, युवराज, संतोष, नारद, शुशील, देवेंद्र कुमार, ज्ञान सिंह ध्रुव, शुशील देशमुख, चैन सिंह वर्मा, अनिल पटेल, दुर्गेश कुमार, खेमलाल चंद्राकर, हेमंत कुमार, शुशील, दिग्विजय, महेश, कमलेश, राम कुमार, नारद चंद्राकर, भूपत वर्मा, हरिशंकर सिन्हा, कौशल देशमुख, राम सागर वर्मा, राधे श्याम यादव, भीष्म लाल साहू सहित अन्य मौजूद रहे।