आशीष दास
कोण्डागांव । धान की फसल कटने के साथ किसानों के चहरों पर धान विक्रय की राशि सीधे खातों में जाने से खुशी की लहर फैल रही हैं। वहीं फसलों के कटने के बाद अपने खेत में रह गये फसल अवशेषों को किसान स्वस्फूर्त रूप से गांव के गोठानों में आने वाले मवेशियों के भोजन हेतु दान करने हेतु आगे आ रहे हैं। इन कृषि अवशेष पैरांे को कलेक्टर दीपक सोनी के मार्गदर्शन में कृषि अभियांत्रिकी कोण्डागांव द्वारा उपलब्ध बेलर मशीन के माध्यम से बंडल बनाकर गोठानों तक पहुंचाने में सहायता की जा रही है। इसके द्वारा विकासखण्ड केशकाल के ग्राम तेेंदुभाटा, अरण्डी एवं बेड़मा, विकासखण्ड फरसगांव के ग्राम फूपगांव एवं विकासखण्ड बड़ेराजपुर ग्राम बांसकोट के कृषकों के खेतों में हार्वेस्टर मशीन से धान कटाई उपरांत पराली को पैरा बेल बनाकर समीप धनोरा, अरण्डी, कर्रारमेटा, फूपगांव, कुल्हाडगांव, लीहागांव, मछली, कोंगेरा, मानिकपुर के गोठानों में पशुओं के चारा हेतु भण्डारण गोठान समिति द्वारा किया जा रहा हैं।बेलर मशीन से पैरा बंडल हेतु ग्राम तेंदुभाटा के कृषक शालीकराम जायसवाल, कृष्णचंद जायसवाल, चौधरी जायसवाल, ग्राम अरण्डी के कृषक आत्माराम निषाद, ग्राम बेड़मा के कृषक संजय शोरी, फूपगांव के कृषक प्रवीण पाण्डे, चोखालाल पाण्डे, तेजलाल पाण्डे, ग्राम बांसकोट के कृषक अशोक शार्दूल द्वारा पैरादान किया गया। बेलर मशीन द्वारा 25 नवम्बर तक कुल 1600 पैरा बंडल बनाया गया है। प्रत्येक बंडल का वजन लगभग 25 किलोग्राम होता है। कृषि अभियांत्रिकी विभाग द्वारा मशीन से पैरा बंडल बनाने का प्रदर्शन कर किसानों को जागरूक करने का भी कार्य किया जा रहा है।बांसकोट के कृषक अशोक शार्दूल ने बताया कि उनके द्वारा अपने 15 एकड़ खेत में पैरा बंडल बनाने हेतु पैरा दान किया जा रहा। जिसका कृषि अभियांत्रिकी विभाग के माध्यम से निःशुल्क पैरा बंडल बनाकर नजदीकी लिहागांव, मछली, मानिकपुर एवं कोंगेरा के गोठानों में गोठान समिति द्वारा परिवहन कर पशुओं के चारा हेतु भण्डारण किया जा रहा है। इसके पूर्व उनके द्वारा रबी फसल की तैयारी हेतु पराली को जला दिया जाता था। जिससे आस पास धूएं के कारण पर्यावरण प्रदुषण होता जाया करता था तथा मिट्टी की उर्वरकता शक्ति भी कमजोर होती जा रही थी। उन्हे कृषि अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों द्वारा जानकारी प्राप्त होने पर उन्होने सम्पर्क कर पैरा दान करने में रूचि दिखायी जिस पर मेरे खेत के समस्त पैरे को कृषि अभियांत्रिकी द्वारा पैरा दान करने में सहायता की गयी। जिससे वह अत्यंत हर्षित हैं।
