पंडरिया।नगर सहित ब्लाक के ग्रामीण क्षेत्रों में गुरुवार को महिलाओं द्वारा उपवास रहकर वट वृक्ष की पूजा अर्चना किया गया।गुरुवार सुबह से ही महिलाएं तैयार होकर वट वृक्ष की पूजा करने पहुंचने लगे थे।नगर के बाजार पारा,जोरा मंदिर ,रेस्ट हाउस,सिंचाई विभाग कालोनी,वन विभाग कालोनी,पुराना हास्पिटल परिसर रौहा,मैनपुरा,पुराना बाजार,नया बाजार,महामाया चौक,गोपिबन्द तालाब,दुर्ज़ाबन्द तालाब,बैरागपारा,समरु पारा,सिसोसिया नगर सहित अनेक जगह बरगद वृक्ष की पूजा-अर्चना की गई।

प्राचीन काल से ही वट वृक्ष की पूजा जेठ अमावस्या को किया जा रहा है।सावित्री के पति सत्यवान की रक्षा वट वृक्ष द्वारा किए जाने की मान्यता है।वट वृक्ष के नीचे ही सावित्री को उसका सुहाग सत्यवान वापस मिला था।बताया जाता है कि वट वृक्ष की पूजा से सुहागनों को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।महिलाएं वट वृक्ष की पूजा कर पेड़ पर धागा बांधा तथा फेरे लगाकर अपने सुहाग की सुरक्षा व दीर्घायु के लिए वर मांगे।बरसात व कोरोना संक्रमण के कारण अधिकतर महिलाओं ने घर पर ही वट पूजा कर उपवास रखे।कथा के अनुसार सावित्री वट वृक्ष के नीचे उपवास रखकर अपने पति सत्यवान को यमराज से वापस लाई थी।हिन्दू धर्म के अनुसार वट वृक्ष का बहुत महत्व है।वट वृक्ष में ब्रम्हा,विष्णु व महेश तीनों का वास होता है।
पौधरोपण किया गया-पर्यावरण संरक्षण समिति द्वारा वट सावित्री पूजन के अवसर पर मैनपुरा स्थित तालाब में बरगद का एक पौधा लगाया गया।जिसमें महिलाएं भी शामिल हुए।इस दौरान मोहन राजपुत,अनुराग सिंह ठाकुर,हमीद खान,प्रफुल्ल बिसेन,शैल बिसेन,योगेश्वरी सिंह,कविता सिंह सीमा सिंह ठाकुर उपस्थित रहे।
ग्रामीण क्षेत्रो में भी रखा गया उपवास-नगर के साथ -साथ सोमवार को ग्रामीण क्षेत्रों में भी वट वृक्ष की पूजा की गई।ग्राम मोहतरा,कुबा,पाढ़ी,रहमान कापा,बिरकोना,देवसरा,डोमसरा, महली,कुबा,कुम्ही,पिपरखूँटी, पडकी,खरहट्टा,कुंडा,बघर्रा,कापादह,दुल्लापुर,पाढ़ी,खैरझिटी,नेऊर,कोदवागोड़ान,दामापुर,रुसे,मोहगांव,बोड़तरा,सिरमाडबरी,बिजभाठा,महका,सेंहाभाठा,सोमनापुर,मुनमुना, कामठी,पोलमी सहित सभी गांवों में महिलाओं ने व्रत रखकर अपनी पति के लंबी उम्र की कामना की।