
कहते हैं दिल में अगर कुछ कर दिखाने का जुनून और कुछ कर पाने की लगन हो तो हर हाल में कामयाबी आपके कदम छू लेगी क्योंकि कागज अपनी किस्मत से उड़ती है लेकिन पतंग अपनी काबिलियत से किस्मत साथ देना दे लेकिन काबिलियत हमेशा साथ देती है इसी जुनून के साथ एक छोटे से गांव भोथली में किसान परिवार के खेती से सब्जी बेचने वाले मजदूर किसान का बेटा आज बड़ा डॉक्टर बन गया है किसान कृपा निषाद वह पिता है जो खुद आठवीं तक पढ़े हैं लेकिन उन्होंने अपने बेटे को कभी पढ़ने से नहीं रोके,बेटे विनोद के सपने को साकार करने के लिए अपनी पूरी जवानी लगा दी पहले रोजी- मजदूरी किया फिर खरखरा नदी किनारे अपनी खेती बा ड़ी में काम किया तब भी बात नहीं बनी तो वह खुद साइकिल उठाकर सब्जियां बेचने लगे और अपने बेटे विनोद पढ़ाई के लिए खर्च उठाते रहे बेटे ने भी मन लगाकर पढ़ पढ़ाई की जद्दोजहद में दो बड़े भाइयों ने अपनी पिता की तरह पैसों की मदद जारी रखी इस वजह से छोटे से गांव का विनोद निषाद आज एक डॉक्टर बन चुका है उसके पास कई बड़ी डिग्री है जो आसानी से नहीं मिल पाती डॉ विनोद कुमार निषाद ने आयुर्वैदिक मेडिसिन एंड सर्जरी की पढ़ाई गवर्नमेंट कॉलेज आयुर्वैदिक कॉलेज फार्मा कॉलोजी में एम डी किया , जोधपुर राजस्थान आयुर्वैदिक कॉलेज से पीसीसी सी के एस स की आज ग्राम झीट पाटन में अपनी क्लिनिक चला कर गांव वालों की सेवा कर रहे हैं पिता आज भी खेती किसानी करते हैं
पांचवी तक भोथली के के सरकारी स्कूल में हुई पढ़ाई
डॉ विनोद निषाद ने बताया कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा यानी पांचवी तक की पढ़ाई उसके बाद उसकी मां बेटा भाई गिनी हैलेकिन पिता का कामकाज में हाथ बताती है दो भाई शीत कुमार और मनोज कुमार ने हमेशा सहयोग किया वहीं बहन किरण भी उनका मनोबल हर समय बढ़ती रही मिडिल इसकी पढ़ाई तिरगा में पूरा करने के बाद हायर सेकेंडरी स्कूल पढ़ाई निकुम से किया इसके बाद आगे की पढ़ाई उन्होंने रायपुर की जोधपुर राजस्थान में जाकर किया, अपने पिता के मेहनत से प्रेरणा लेकर और आशिर्वाद लेकर आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं