पंडरिया। नगर सहित पूरे ब्लाक में गुरुवार व शुक्रवार को दीपावली का त्योहार पूरे उत्साह के साथ मनाया गया।दीवाली लक्ष्मी पूजा जहां दो दिन तक मनाया गया वहीं इस बार धनतेरस मंगलवार व बुधवार को मनाया गया।लोग दिवाली को लेकर असमंजस में थे।जिसके चलते दो दिन तक लोगों ने दिवाली का पर्व हर्सोल्लास के साथ मनाया।दीपावली के त्यौहार में लोगों द्वारा जमकर आतिशबाजी की गई तथा लोगों में जमकर उत्साह देखा गया।इसके साथ ही बाजार पर भी रौनक देखी गयी। नगर के ज्वेलरी शाप,कपड़ा दुकान,इलेक्ट्रिकल्स,बाइक व बड़े वाहनों, सहित सभी दुकानों में अच्छी खरीददारी हुई।ईस दौरान मछली का जाल डालकर लोगों की सुरक्षा व उत्तम स्वास्थ्य की कामना की गई।

गोवर्धन पूजा किया गया-शनिवार को ग्रामीण क्षेत्रों में गोवर्धन पूजा का त्योहार मनाया गया।इस अवसर पर पालतू मवेशियों की पूजा अर्चना कर गोवर्धन पूजा का त्योहार मनाया गया।इस दौरान मवेशियों की साफ सफाई कर पूजा की गयी तथा गोबर से गोवर्धन बनाकर खिचड़ी सहित अन्य पकवान पालतू पशुओं को खिलाये गए।इसके साथ ही मवेशियों के गले पर मयूर के पंख से बने पट्टे को बांध कर पशुओं के अच्छे स्वास्थ्य व बीमारियों से दूर रखने की कामना की गई।


ग्रामीण क्षेत्रों में दीवाली से अधिक महत्वपूर्ण गोवर्धन पूजा को माना जाता है।मान्यता है कि गोवर्धन पूजा से न केवल आर्थिक समस्याएं दूर होती है,बल्कि धन -धान्य,संतान व सौभाग्य की भी प्राप्ति होती है।गोवर्धन पूजा श्री कृष्ण के प्रेम भक्ति व प्रकृति के प्रति सम्मान का प्रतीक माना जाता है।पौराणिक कथाओ के अनुसार श्री कृष्ण ने अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठाकर ब्रेजवासियों को इंद्र ले प्रकोप से बचाया था।उसी समय से गोवर्धन पूजा का विधान प्रारम्भ हुआ है।

सुआ नृत्य की परंपरा दिखी–
दिवाली ले अवसर पर करीब सप्ताह भर तक नगर में इस बार सुआ नृत्य की टोलियां अधिक दिखाई दी।दीवाली से कुछ दिन पहले ही नगर व आस-पास से महिलाओं की टोलियां सुआ नृत्य करने नगर में पहुंचते रहे। वनांचल व ग्रामीण क्षेत्रों में भी सुवा नृत्य करने वाले महिलायों का दल नजर आया।



