सावन का पहला सोमवार : कौही में खारुन नदी तट पर विराजमान है स्वयम्भू शिवलिंग, आज से गूंजेगा हर हर महादेव महादेव

टिकेंद्र वर्मा

रानीतराई से तीन किलोमीटर दूर खारून नदी के तट पर स्थित ग्राम कौही का प्राचीन शिव मंदिर धार्मिक और सामाजिक एकता का पर्याय बन चुका। यहां विराजमान स्वयंभू शिवलिंग की सबसे विशेषता इसका लगातार बढ़ता आकार है। वर्तमान में शिवलिंग की ऊंचाई लगभग छह फीट व परिधि पांच मीटर है। खुदाई के बाद से लेकर अब तक स्वयंभू शिवलिंग का दूसरा छोर नहीं मिला है। मंदिर स्थापना और शिवलिंग को लेकर जनश्रुति है कि क्षेत्र के पुराना गांव प्रमुख पटेल मालगुजार को खुदाई करते समय यह शिवलिंग मिला था।
पुराने मलागुजार गांव प्रमुख पटेल को हुआ था साक्षाताकार —– 
श्री महाकाली एवं श्री हनुमान मंदिर परिसर धर्म नगरी कौही  समिति के अध्यक्ष योगेश्वर साहू सचिव राजेश साहू, कोषाध्यक्ष हेमलाल साहू, उपाध्यक्ष सुनीता यदु, मुकेश साहू,नारायण साहू ने बताया कि   खारून नदी के किनारे 11एकड़ भू-भाग में फैले मुख्य मंदिर में विराजमान स्वयंभू शिवलिंग खुदाई करते हुए खंडित हो गई। तब पुराने मलागुजार गांव प्रमुख पटेल को स्वप्न में महादेव से साक्षात्कार हुआ। स्वयंभू शिवलिंग के साथ मंदिर निर्माण का आदेश प्राप्त हुआ। जिसके बाद ग्राम प्रमुख पटेल पटेल ने जन सहयोग से मंदिर की निर्माण कराया। मंदिर निर्माण के पूर्व लगभग 20 से 25 फीट खुदाई की गई, लेकिन शिवलिंग का अंतिम छोर नहीं मिला।इस मंदिर परिसर मे 21 देवी देवताओं का मंदिर स्थापित हैं जो के कई समाजो से द्वारा वाले मंदिर समिति के द्वारा स्थापित किया गया हैं।यहाँ महाशिवरात्रि मे तीन दिनों तक  व सावन के अंतिम सोमवार को लगता है
कौही में लगेगा मेला स्वम शिवलिंग की किया जाएगा रुद्राभिषेक —– 

            श्री महाकाली एवं श्री हनुमान मंदिर परिसर धर्म नगरी कौही  समिति  वाले समस्त ग्रामवासी के तत्वाधान मे बोल बम कावरिया सावन मेला एवं रुद्राभिषेक वाले महाप्रसादी का सावन के अंतिम सोमवार को आयोजन किया जाता हैं।सावन के अंतिम सोमवार को इस अवसर पर मंदिर कौही में विराजे स्वम भू शिवलिंग में भक्तों का तांता लगता हैं । इस अवसर पर में विशाल रुद्राभिषेक व हवन पूजन का कार्यक्रम का आयोजन किया जाता हैं।