जल रहे जंगल,जंगलों में लगाये जा रहे आग।वन संपदा व वन्य प्राणियों को नुकसान।


पंडरिया-ब्लाक ।अंतर्गत पंडरिया पूर्व व पश्चिम रेंज में जंगल जल रहे हैं।पूरे जंगल से धुआं उड़ते दिखाई दे रहा है।जिसे बचाने कोई दिखाई नहीं दे रहा है।हर वर्ष इस प्रकार का आग जंगल मे लगाए जाते हैं,लेकिन इसे रोकने वन विभाग द्वारा कोई पहल नहीं कि जाती है।

वन विभाग केवल तमाशबीन बनकर इसे देखते रहता है। वन विकास विभाग अंतर्गत क्रांति जलाशय,केशलिगोडान, चिथरहिन मंदिर,बदौरा से आगे,बम्हनदई मंदिर सहित पश्चिम रेंज में भी बड़े क्षेत्र में आग लगी हुई है।वनांचल गांवों में ग्राम सुरक्षा समिति बनी हुई है किंतु यह समिति जंगल को आग से होने वाले नुकसान को नहीं रोक पा रही है।वन विभाग के अधिकारी -कर्मचारी भी इसे रोकने कोई पहल नहीं कर रहे हैं।आग से जलने से जहां हरे पेड़ – पौधे नष्ट हो रहे हैं।वहीं छोटे पौधे व बीज जलकर खत्म हो जाते हैं।इसके अलावा वन्य जीव व पक्षियों को भी भारी नुकसान होता है।विभाग को शुरुवात में ही आग को रोकने कोई ठोस पहल करनी चाहिए।


जानबूझकर लगाते हैं आग-जंगलों में आग लोग जानबूझकर लगाते हैं।वर्तमान में महुआ के फूल गिरने वाले हैं।स्थानीय लोग महुआ बीनने की तैयारी में जुट गए हैं।महुआ बीनने के लिए पेड़ के नीचे को साफ करने के लिए लोगों द्वारा आग लगा दिया जाता है।जो आग पुरे जंगल मे फैलकर जंगल को अपने आगोश में ले लेता है।इसके अलावा जलाऊ लकड़ी बेचने वाले भी आग लगाकर पेड़ को सुखाते हैं,जिसके पश्चात इन सूखे लकड़ियों को बेचने का कार्य करते हैं।इन लोगों को रोकने विभाग को निगरानी कर कार्यवाही करने की जरूरत है।
“वर्तमान में वन विकास निगम के क्षेत्र में आग लगी हुई है,उन्हें सूचना दी गई है।सभी क्षेत्रों में सतत निगरानी किया जा रहा है।”
पूर्णिमा राजपूत ,रेंजर वन क्षेत्र पंडरिया पूर्व।