डेगूं और मलेरिया से बचाएगी गम्बूजिया मछली, पंडारिया के गांव इलाकों के तालाबों में डाली गई गम्बूजिया मछली

राजकुमार सिंह ठाकुर

पंडरिया । मलेरिया माह जून एवं मलेरिया से रोकथाम हेतु पूर्व की जाने वाली तैयारी को ध्यान में रखते हुए ब्लाक के मलेरिया संवेदनशील ग्रामो में मंगलवार को गम्बूजिया मछली डाली जा रही हैं। डेंगू एवं मलेरिया के डंक से ग्रामीणों को बचाने के लिए यह मछली बचाव करेगी। इसके लिए विकास खण्ड में ग्रामवार व्ही बी डी टी एस , सेक्टर सुपरवाइजर एवम आर.एच. ओ. द्वारा सर्वे कर तालाबो,पोखरों की पहचान कर वातावरणीय चयनित तालाबों में मछलियां छोड़ी जा रही है।मंगलवार को मलेरिया संवेदनशील क्षेत्रो में जैसे सेक्टर कुकदुर एवं कोदवागोड़ान के ग्रामीय तालाबों में मछलिया डाली जा चुकी है।साथ मे ग्राम में उपस्थित ग्रामीणों को इसके बारे में समझया जा रहा है। मछलियों के फायदों के बारे में बताया जा रहा है कि कैसे यह गम्बूजिया असल में ऐसी मछली है जो डेंगू-मलेरिया फैलाने वाले जानलेवा मच्छरों के लार्वा को खाकर लोगों को मच्छरों के प्रकोप से बचा सकती है। यह एक प्रकार से डेंगू-मलेरिया के मच्छरों से लड़ने के लिए ईको-फ्रेंडली तरीकों को बढ़ावा दे रहा है।डेंगू फैलाने वाले मादा ऐडीज मच्छर और मलेरिया फैलाने वाले मादा एनाफलीज मच्छरों को फैलने से रोकने के लिए तालाबों के पानी में गम्बूजिया मछली छोड़ी जा रही हैं। पानी पर अंडे देने वाले मच्छरों के लार्वा को ही मच्छर पैदा होने से पहले ही यह मछली चट कर जाएगी। मच्छरों की बढ़ती तादाद पर कुछ हद तक रोक लगेगी। एक गम्बूसिया मछली 24 घंटे में 100 से 300 लार्वा खा सकती है। गम्बूसिया मछली को ग्रो होने में 3 से 6 महीने का वक़्त लगता है।